सु-प्रभात

Neemuch 23-07-2018 Thought of the day

जो पानी से नहायेगा वो सिर्फ लिबास बदल सकता है,
लेकिन जो पसीने से नहायेगा वो इतिहास बदल सकता है…

जिस धागे की गांठें खुल सकती हैं,
उस धागे पर कैंची नहीं चलानी चाहिए.....
 
बुराई कितनी भी बड़ी हो,
परंतु अच्‍छाई के सामने छोटी ही होती है.....
 
बहुत ही अच्छी और सच्ची बात....
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही
पहला आदमी आखरी और आखरी आदमी पहले
नंबर पर आ जाता है!
जीवन में कभी आगे होने का घमंड
और आखिरी होने का गम न करे,
पता नहीं कब जिंदगी बोल दे
      "पीछे मुड़"