दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी टावर कंपनी बनेगी, भारती इफ्राटेल, इंडस टावर्स का विलय

Delhi 26-04-2018 Business

भारती एयरटेल और वोडाफोन का संयुक्त रूप से नई कंपनी पर होगा नियंत्रण.... दोनों कंपनियों ने यह जानकारी दी है....

रिपोर्ट- बिजनेस ब्यूरों डेस्क


नई दिल्ली। भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स बुधवार को विलय के लिए सहमत हो गए। विलय से बनाने वाली 14.6 अरब डॉलर की नई कंपनी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल टावर कंपनी होगी। नई इकाई के पास देशभर में 1,63,000 से अधिक टावर होंगे और यह चीन टावर के बाद दूसरी सबसे बड़ी टावर कंपनी होगी। नई कंपनी पर भारती एयरटेल और वोडाफोन का संयुक्त रूप से नियंत्रण होगा । दोनों कंपनियों ने यह जानकारी दी है।
इस सौदे के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, सेबी, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिरण, दूरसंचार विभाग ( एफडीआई मंजूरी ) सहित नियामकीय और अन्य मंजूरियों मिलनी अभी बाकी हैं। सौदे के चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। भारती एयरटेल ने बयान में कहा, " इंडस टावर्स का विलय तय योजनाओं के माध्यम से भारती इंफ्राटेल में या उसके साथ किया जाएगा।"  विलय के बाद बनने वाली कंपनी का नाम इंडस टावर्स लिमिटेड होगा और यह शेयर बाजार में सूचीबद्ध रहेगी।
नई इकाई की 33.8 प्रतिशत से 37.2 प्रतिशत तक हिस्सेदारी भारती एयरटेल के पास होगी।  इसमें वोडाफोन इंडिया की 26.7 प्रतिशत से 29.4 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। वर्तमान में इंडस टावर में वोडाफोन और भारती इंफ्राटेल की हिस्सेदारी 42-42 प्रतिशत है जबकि आइडिया समूह की हिस्सेदारी 11.15 प्रतिशत और प्रोवि‍डेंस की हिस्सेदारी 4.85 प्रतिशत है।
टिप्पणियां दोनों कंपनियों ने बयान में कहा कि भारती एयरटेल और वोडाफोन संयुक्त रूप से कंपनी का नियंत्रण करेंगे. कंपनी में भारती एयरटेल और वोडाफोन के पास बराबर के अधिकार होंगे। इसके निदेशक मंडल में 11 निदेशक शामिल होंगे, जिसमें तीन-तीन निदेशक भारती एयरटेल और वोडाफोन की ओर नियुक्त किए जाएंगे। एक निदेशक केकेआर / कनाडा पेंशन प्लान इंवेस्टमेंट बोर्ड और चार अन्य ( चेयरमैन समेत ) स्वतंत्र निदेशक होंगे।
यह विलय कंपनियों की उन परिसंपत्तियों का रास्ता साफ करेगा, जो कि रिलायंस जियो द्वारा छेड़े गए शुल्क युद्ध के बाद से फंसी पड़ी हैं, जिसकी वजह से कंपनियों की कमाई पर असर पड़ा और दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों को एकीकृत होना पड़ा। वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर का मोबाइल परिचालन कारोबार पहले ही विलय के अंतिम चरण में है।
सौदे के तहत, आइडिया के पास इंडस में अपनी हिस्सेदारी बेचने का विकल्प है। जिसकी कीमत 6,500 करोड़ रुपये है. वोडाफोन इंडिया को नई कंपनी में 78.31 करोड़ शेयर मिलेंगे। उसकी हिस्सेदारी का मूल्य करीब 28,400 करोड़ रुपये होगा।