बिना मान्यता के जिले में चल रही स्कुलो के खिलाफ अदालत में परिवाद पेश जिला शिक्षा अधिकारी सहित कलेक्टर को अदालत ने किया तलब
Bhilwara 01-08-2018 Regional
रिपोर्ट- धर्मेन्द्र कोठरी
भीलवाडा। जिले में राज्य सरकार की बिना मान्यता के अवैध रूप से नियम विरूद्ध चल रहे सैकडो में निजी शिक्षण संस्थानो के खिलाफ जिला स्थाई लोक अदालत में अधिवक्ता श्री लादू लाल तेली, अम्बा लाल कुमावत, रघुनन्दन सिंह कानावत व अमित सोलकी ने परिवाद प्रस्तुत किया। जिस पर अदालत ने जिला शिक्षा अधिकारी सहित कलेक्टर को न्यायालय में नोटीस जारी कर तलब किया।
अधिवक्ता लादू लाल तेली सहित अन्य द्वारा अदालत में प्रस्तुत परिवाद में बताया कि जिले में सैकडो स्कुले राज्य सरकार द्वारा तय मापदण्डो व मान्यताओ के अभाव में संचालित की जा रही है। बिना मान्यता के चल रही स्कुलो में ंअध्ययनरत 80 हजार से अधिक छात्र छात्राओ के भविष्य के साथ खिलवाड हो रहा हैं। तथा उनके भविष्य की अनदेखी से हजारो छात्र छात्राओ का भविष्य अन्धकारमय होकर उनका मानसिक, आर्थिक नुकसान हो रहा हैं।
न्यायालय में प्रस्तुत परिवाद में बताया कि जहा एक ओर छात्र छात्राओ का भविष्य के साथ खिलवाड सैकडो निजी शिक्षण संस्थाओ के संचालको द्वारा किया जा रहा है वही प्रतिमाह लाखो रूपये का मानदेय प्राप्त कर जिले में बैठे शिक्षा विभाग से जुडे जिले के अधिकारी भी मुक दर्शक बने हुये है।ं यह विभाग के अधिकारियो की अनदेखी ही नही बल्कि उदासीनता के साथ आपसी मिली भगत भी दर्शाती हैं। इसके लिये विभागीय अधिकारियो केे खिलाफ पदीय दुरूपयोग एंव अपराधिक षडयन्त्र पूर्वक अवैध रूप से संचालित निजी स्कुलो के प्रबन्धको के खिलाफ अपराधिक कार्यवाही की जानी चाहिए। न्यायालय में प्रस्तुत में बताया कि विभाग व प्रशासन के समक्ष जिले की कई बिना मान्यता प्राप्त के चल रहे निजी स्कुलो की जानकारी व शिकायत की गई है बावजुद इसके उनके खिलाफ कार्यवाही नही किया जाना विभागीय अधिकारियो की कार्य प्रणाली व योग्यता पर सवालिया निशान खडा करता हैं। साथ ही गत दिनो समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार संत दयाल पब्लिक स्कुल माण्डल की छात्रा रिद्धिमा उपाध्याय व चारभुजा विद्या मन्दिर रासेड की छात्रा सोनिया रेगर का नवोदय स्कुल में चयन हो जाने बावजुद सरकार की बिना मान्यता के चल रहे स्कुलो के कारण प्रवेश नही हो पाया और छात्र छात्राओ का भविष्य खराब हो गया।
परिवादीगणो ने न्यायालय मे प्रस्तुत परिवाद में परिवादीगणो ने न्यायालय से गुहार कि जिले में बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कुलो के खिलाफ विभागीय एंव अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावें और छात्र छात्राओ के भविष्य की रक्षा की जावें। न्यायालय द्वारा परिवाद पर आगामी सुनवाई 13 अगस्त को रखी गई हैं।