फिर गरमाया बगीचा नंबर 41, 46 का मामला

Neemuch 01-08-2018 Regional

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन की टीम ने फिर की जांच प्रारंभ.....

रिपोर्ट- ब्यूरों रिपोर्ट

नीमच। नीमच शहर में बाबा साहबुद्दीन रोड पर स्थित बगीचा नंबर 41 व 46 का मामला फिर गरमा गया है । आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन को इस संबंध में राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के संभाग उपाध्यक्ष अमित शर्मा द्वारा शिकायत की गई थी । शिकायत में यह बताया गया था कि बगीचा नंबर 41 व 46 की करोड़ों रुपए की बेशकीमती भूमि जिस शंकरलाल नाम के व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है और जिसे वह विभक्त कर बेच रहा है उस भूमि को नीमच नगर पालिका द्वारा  किसी अन्य व्यक्ति को  कुछ समय के लिए लीज पर दिया गया था परंतु लिस्ट शर्तों का उल्लंघन करते हुए एक व्यक्ति द्वारा भूमि को शंकरलाल नामक व्यक्ति का नाम रजिस्टर्ड कर दिया गया ऐसे में  शासकीय भूमि को  बिना अनुमति के बेचने पर  क्रेता एवम विक्रेता के विरुद्ध  धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए । जब पूरा मामला सामने आया तो यह पता चला कि उस भूमि का वास्तविक मालिक कोई और है शंकरलाल नामक व्यक्ति तो मात्र मोहरा है । शंकरलाल गरीबी रेखा के नीचे निवास करता था और उसके द्वारा किसी भू-माफिया पार्षद के एवज में यह भूमि खरीदी गई थी । बाबा सहाबुद्दीन मार्ग की इस भूमि के अलावा कई अन्य जगह भी भूमाफिया पार्षद ने शंकरलाल नाम के व्यक्ति के नाम से करोड़ों रुपए की बेशकीमती जमीनों की खरीद फरोख्त की है । ऐसे में इस संबंध में राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के संभाग उपाध्यक्ष अमित शर्मा द्वारा इसकी शिकायत आयकर विभाग से लेकर प्रधानमंत्री तक पहुंचा दी गई है ।  जिस पर भी जल्द ही कार्यवाही संभव है । ज्ञात हो की करोड़ो रुपए की भूमि का माली शंकरलाल भागेश्वर मंदिर रोड पर झुग्गी झोपड़ी में निवास करता है और कुछ समय पूर्व नीमच नगर पालिका भी शंकरलाल को नोटिस थमाने के लिए ढूंढ रही थी परंतु वह मिल नहीं रहा था । एडवोकेट अमित शर्मा की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा उज्जैन द्वारा गंभीरता पूर्वक जांच की जा रही है और इसी संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के अधिकारी कर्मचारियों ने 2 दिन नीमच में डेरा डाल रखा था । उन्होंने गंभीरता पूर्वक जांच करते हुए संबंधित भूमि के पूर्व क्रेता विक्रेता से भी पूछताछ की है । सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि शंकरलाल और उसके सहयोगियों को 7 अगस्त को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन में हाजिर हो अपने बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भी थमाया गया है ।
*पर्दे के पीछे है भूमाफिया पार्षद !*
वास्तविकता में यदि पूरे मामले को देखा जाए तो इस करोड़ों रुपए की भूमि के हेरफेर में सीधे तौर पर एक भूमाफिया पार्षद का हाथ है । उस भूमाफिया पार्षद ने ही शंकरलाल के नाम से जगह जगह करोड़ों रुपए की बेशकीमती भूमि खरीद रखी है और उन्हें विभक्त करके बेच भी रहा है । शंकरलाल नामक व्यक्ति कई जगह रजिस्ट्रियों में अपना पता निम्बाहेड़ा बताता है और कई जगह वह अपने आप को नीमच का निवासी बताता है। शंकरलाल नीमच में तो अनुसूचित जाति जनजाति का सदस्य बना हुआ है वहीं दूसरी ओर अपने नाम के पीछे सिंहल लगाता है। शंकरलाल को नगरपालिका एवं शासन प्रशासन द्वारा जो भी लाभ दिए जा रहे थे वह उस भूमाफिया पार्षद के इशारे पर ही दिए जा रहे थे  । रोटी राम शंकर लाल का काम भूमाफिया पार्षद के भरोसे ही चल रहा था साथ ही वह लम्बे समय तक नीमच नगर पालिका एवं शासन प्रशासन से गरीबी रेखा का लाभ भी उठा रहा था । परंतु एडवोकेट अमित शर्मा की शिकायत पर शंकर लाल का गरीबी रेखा का राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया उसके खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा नीमच नगर पालिका द्वारा की गई ।