मिलावटी घी बेचने वाले आरोपी को 06 माह का कठोर कारावास एवं 5,000रू. जुर्माना

Neemuch 06-08-2018 Regional

रिपोर्ट-रितेश कुमार सोमपुरा
 
नीमच। श्री मनीष कुमार पारीक, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, नीमच द्वारा एक आरोपी को मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुचाने वाला मिलावटी घी बेचने के आरोप का दोषी पाते हुए 06 माह के कठोर कारावास और 5,000रू. के जुर्माने से दण्डित किया गया।
 
अभियोजन मीड़िया सेल प्रभारी एडीपीओ रितेश कुमार सोमपुरा द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 14.10.2010 को शाम 10ः30 बजे खाद्य निरीक्षक धीरेन्द्रसिंह जादौन निरीक्षण हेतु फर्म-प्रभुलाल राजकुमार, नया बाजार, नीमच पहुचे, जहॉ पर उन्होने विक्रय हेतु रखे घी में से बिलोवणा घी व श्री श्याम ट्रेडमार्क घी के एक-एक लीटर के तीन डिब्बे नमूना जॉच हेतु 300रूपये नकद भुगतान कर लिया, जो की आरोपी द्वारा यह मिथ्या कथन करके बेचा जा रहा था कि घी केवल हवन के प्रयोग हेतू हैं। खाद्य निरीक्षक द्वारा घी की जॉच स्थानीय स्वास्थ प्राधीकारी से करायी, जिसमें घी मिलावटी होकर मानव स्वस्थ्य के लिए हानिकारक होना बताया। इसके पश्चात् आरोपी के विरूद्ध मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, नीमच के न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया। 
 
       अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में अपराध को प्रामाणित किये जाने हेतू संबंधित खाद्य निरीक्षक एवं अन्य आवश्यक गवाहों के बयान कराये गये तथा यह तर्क रखा गया कि आरोपी द्वारा यह मिथ्या कथन करके बेचा जा रहा था कि घी केवल हवन के प्रयोग हेतू हैं, जबकि घी के डिब्बे पर शुद्ध घी लिखा हुआ हैं। अभियोजन साक्ष्य एवं तर्को से सहमत होते हुए आरोपी को न्यायालय द्वारा मिलावटी घी विक्रय करने का दोषी ठहराया गया। दण्ड के प्रश्न पर अभियोजन की ओर से न्यायालय में तर्क किया गया कि आरोपी द्वारा मिथ्या कथन करके मिलावटी घी विक्रय किया जा रहा था जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाया गया हैं तथा साथ ही आरोपी द्वारा भी घी की जॉच केन्द्रिय फुड लेबोरेटरी, गाजियाबाद से कराई हैं, जिसमें भी घी मिलावटी होकर मानव स्वास्थ के लिये हानिकारक पाया गया हैं, अतः आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किया जाना चाहिए। अभियोजन के तर्को से सहमत होकर श्री मनीष कुमार पारीक, न्यायिक दण्डिधिकारी प्रथम श्रेणी, नीमच द्वारा आरोपी राजकुमार पिता ताराचंद तलरेजा, उम्र-52 वर्ष, निवासी-सिंधी कॉलोनी, नीमच को धारा 7 एवं 16, खाद्य अपमिश्रण अधिनियम, 1954 के अंतर्गत 06 माह के कठोर कारावास एवं 5,000रू के जुर्माने से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से श्री रितेश कुमार सोमपुरा, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा पैरवी की गई।