कृषि उपज मंड़ी भांडेर से 4 अनुज्ञा पत्र पुस्तिका चोरी कर शासन को लगाया 92 लाख 53 हजार का शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई

Gwaliyar 11-08-2018 Regional

रिपोर्ट- द्वारिका हुकवानी

ग्वालियर। कृषि उपज मंड़ी भांडेर जिला दतिया से 4 अनुज्ञा पुस्तिका चोरी कर शासन को 92 लाख 53 हजार की आर्थिक क्षति पहुंचाने का मामला आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने दर्ज कर लिया है। इस मामले में 45 फार्मों के संचालकों व संबंधित मंड़ी के तत्कालीन अनुज्ञा पत्र सत्यापित करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों को आरोपियों बनाया गया है। प्रकोष्ठ ने इस मामले में विस्तृत जांच शुरू कर दी है।

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के एसपी रघुवंश सिंह भदौरिया ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 5 जनवरी 2015 को कृषि उपज मंड़ी भांडेर जिला दतिया द्वारा अधिसूचित कृषि उपज की व्यापक मात्रा फर्जी अनुज्ञा पत्र जारी किये जाने के संबंध में मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल अनुशंसित शिकायत जांच के लिए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल को भेजी गई। रिपोर्ट मुख्यालय भोपाल द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद इस मामले की प्राथमिक प्रकोष्ठ इकाई ग्वालियर के सुपुर्द की गई। उपरोक्त प्रकरण जांच निरीक्षक एसएस पांडे द्वारा की गई।

जांच में यह पाया- वर्ष 2012-13-14 के कृषि उपज मंड़ी भाडेर में पदस्थ तत्कालीन सहायक उप निरीक्षक मंड़ी स्वर्गीय संजय शर्मा द्वारा मंड़ी भाडेर को संयुक्त संचालक मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड आंचलिक कार्यालय ग्वालियर उप संचालक से मंड़ी भाडेर को 4 अनुज्ञा पत्र पुस्तिका चोरी कर डबरा निवासी गोविंद अग्रवाल उर्फ पीयूष अग्रवाल पुत्र राजेंद्र अग्रवाल एवं मनोज गुप्ता पुत्र कन्हैयालाल गुप्ता के साथ मिलकर मप्र के विभिन्ना कृषि उपज मंडियों के व्यापारियों की पंजीकृत फर्म से सांठगांठ कर चोरी किये गये अनुज्ञा पत्र पुस्तिका एवं कुट रचित अनुज्ञा पत्र पुस्तिताएं छपवाकर 545 फर्जी अनुज्ञा पत्र राज्य के कुल 20 कृषि उपज मंड़ियों के विभिन्ना व्यापारिक फर्मों को कृषि उपज मंड़ी के भांडेर के नाम से प्रदान किये गये थे। फर्जी अनुज्ञा पत्रों के माध्यम से संबंधित फर्मों द्वारा अपनी कृषि उपज मंड़ी फीस में छूट प्राप्त की गई। जिससे शासन को 92 लाख 53 हजार रुपए की आर्थिक क्षति हुई।

जांच के उपरांत आरोपीगण अतिरिक्त व्यापारी प्रोपराइट एवं संबधित मंड़ी के तत्कालीन अनुज्ञा पत्र सत्यापितकर्ता अधिकारी व कर्मचारी के विरोध धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी भ्रानिअ 13(1), डी-13(2) 10 अगस्त 2017 को आर्थिक प्रकोष्ठ द्वारा प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।

317 कुट रचित अनुज्ञा पत्र छपवाकर इन मंडियों में वितरित किये गये -

मंड़ी ---

ग्वालियर मंड़ी -- 13 अनुज्ञा पत्र

महू जिला इंदौर- 05

करेली जिला नरसिंहगढ़- 11

सांवेर जिला इंदौर-- 37

जनभागीदारी के कर्मचारी कामबंद हड़ताल पर, नियमित प्रोफेसरों ने किया काम
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गोहद जिला भिंड- 02

जिला शाजापुर - 01

देवास --- 10

दबोह-- 7

सतना- 11

सीहौर --- 02

सेंधवा जिला बड़वानी-- 03

उज्जैन -- 27

कुरावर जिला राजगढ़ -- 1

करही जिला खरगोन- 1

इंदौर-- 89

महीदपुर जिला उज्जैन -- 84

सत्या ट्रेडर्स ग्वालियर- 3

गहोई ऑयल मिल ग्वालियर- 8

प्रिया ट्रेडर्स ग्वालियर -- 2
फर्जी गेटपास काण्ड -डबरा केमास्टर माइंड को छोड़ा ठाकुर बाबा रोड निवासी एक प्रमुख रेक लादने  वाले व्यापारी को चांदी  की चकाचोंध  से निकाल दिया लगता हे जबकि सबको मालूम हे की सबसे ज्यादा फर्जी गेटपास का उपयोग  उक्त सिंधी समाज के स्वयभू प्रतिष्ठित व्यापारी ने हीकिया था इनकी चार फर्मों से फर्जी गेटपास से करोड़ों की चोरी आयकर मंडी की की गई जिसमे सांठगांठ से पांच गुने मंडी टेक्स की बजाय एक गुना भर  मामले को दबा दिया हे ,eow एसपीरघुवंशी जी से  विस्तृत जाँच और कार्यवाही अपेछित हे