सु-प्रभात

Neemuch 14-08-2018 Thought of the day

हौसले के तरकस में

कोशिश का वो तीर

ज़िंदा रखो

हार जाओ चाहे

ज़िंदगी में सब कुछ

लेकिन फिर से जीतने की

उम्मीद ज़िंदा रखो ।

 

दुनिया में कोई काम असंभव नहीं;
बस हौसला और मेहनत की जरूरत है…।
पहले मैं होशियार था;
इसलिए दुनिया बदलने चला था ।
आज मैं समझदार हूँ;
इसलिए खुद को बदल रहा हूँ…।