सु-प्रभात
Neemuch 15-08-2018 Thought of the day
बड़प्पन वह गुण है,
जो पद से नहीं संस्कारों से प्राप्त होता है
परायों को अपना बनाना उतना मुश्किल नहीं,
जितना अपनों को अपना बनाए रखना होता है।
जो इंसान अच्छे विचार और अच्छे संस्कारो को पकड़ लेता है
फिर उसे हाथ में माला पकड़ने की जरूरत नहीं पड़ती
अकाल हो अगर अनाज का तब मानव मरता है
किन्तु अकाल हो अगर संस्कारों का तो मानवता मरती है
संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं और र्इमानदारी से बड़ी को विरासत नहीं।
फिर उसे हाथ में माला पकड़ने की जरूरत नहीं पड़ती
अकाल हो अगर अनाज का तब मानव मरता है
किन्तु अकाल हो अगर संस्कारों का तो मानवता मरती है
संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं और र्इमानदारी से बड़ी को विरासत नहीं।