38 घंटे बाद मिले 8 युवकों के शव, एक अब भी लापता
सुल्तानगढ़ झरने पर हादसा| एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय लोगों की मदद से दूसरे दिन भी चला सर्चिंग अभियान......
रिपोर्ट- द्वारिका हुकवानी
ग्वालियर। शिवपुरी सुल्तानगढ़ झरने की तेज धार में बुधवार की शाम बहे 9 युवकों में से 8 के शव 38 घंटे की मशक्कत के बाद निकाल लिए गए। शुक्रवार की सुबह 6 बजे पहला शव ग्वालियर निवासी निशिकांत कुशवाह का बरामद हुआ। इसके बाद एक-एक कर शाम ढलने तक कुल 8 शव झरने की चट्टान के नीचे भरे पानी से बरामद किए गए। ग्वालियर के चंदननगर निवासी सूरज जाटव अब भी लापता बताया जा रहा है। उसकी तलाश की जा रही है। मालूम हो कि 15 अगस्त को झरने में अचानक आए तेज बहाव में 9 लोग बह गए थे और 45 लोग चट्टान पर फंस गए थे। फंसे लोगों को बुधवार की रात निकाल लिया था। लेकिन बहे लोगों का पता नहीं चल सका था। झरने में बहे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरफ और मोहना पुलिस गुरुवार की सुबह से ही लगी है। लेकिन शव मिलने का सिलसिला शुक्रवार की सुबह तब शुरू हुआ, जब शव पानी के ऊपर तैरने लगे। मोहना थाना प्रभारी अमित शर्मा ने बताया कि पानी के सैलाब में बहे लोग चट्टानों से टकराए हैं। चोटों की वजह से चेहरा क्षत-विक्षत हो गया है। इस कारण परिजन को अपने बच्चों को पहचानने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इनके मिले शव.....
निशिकांत कुशवाह (21) पुत्र रामलाल कुशवाह शिंदे की छावनी, फैजीअली खान (17) पुत्र माजिद खान रहमत नगर घोसीपुरा, सोनू उर्फ सुरेन्द्र चौहान (17) पुत्र वीरेन्द्र सिंह चौहान ठाकुर मौहल्ला के पीछे बहोड़ापुर, अभिषेक कुशवाह (19) पुत्र रामसेवक कुशवाह गिरवाई थाने के सामने, लोकेन्द्र सिंह कुशवाह (18) पुत्र भगवान सिंह कुशवाह गिरवाई नाका बाबा वाली पहाड़ी, भूपेन्द्र उर्फ भूपसिंह कुशवाह (20) पुत्र गोपाल कुशवाह गिरवाई, विशाल चौहान (20) पुत्र प्रदीप चौहान पीएचई कॉलोनी शर्मा फार्म के पास, रवि कुशवाह पुत्र मोहन कुशवाह ग्वालियर [रवि की दिसंबर में होनी थी शादी, अभिषेक के भतीजे का शुक्रवार को था जन्मदिन, नहीं मनाया]
चार बहनों का इकलौता भाई था सोनू, रक्षाबंधन से पहले शव देख पिता से बोलीं- हमें हमारा भाई वापस ला दो...शुक्रवार को जब चंदन नगर में इकलौते बेटे सोनू उर्फ सुरेन्द्र चौहान का शव उसके घर पहुंचा तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। 16 साल का सोनू पढ़ाई के साथ पिता की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से घर चलाने के लिए नौकरी भी करता था। इसी साल उसने 10वीं पास की थी। आंखों में सेना में जाने का सपना लिए सोनू चार बहनों में सबसे छोटा और लाड़ला था। सोनू का शव देखकर पिता वीरेन्द्र चौहान बेसुध हो गए।
वह बुधवार रात 1 बजे से ही बेटे की तलाश में सुल्तानगढ़ गए हुए थे। गुरुवार को दिनभर घर नहीं लौटे। सोनू की मां मीना और चारों बहनें बार-बार उनसे फोन कर पूछ रही थीं कि सोनू को कुछ हुआ तो नहीं, वह उन्हें दिलासा दे रहे थे, लेकिन शुक्रवार सुबह जवान बेटे का शव देखते ही पिता की हिम्मत टूट गई और वह बेहोश हो गए। उनके साथ गए लोगों ने उन्हें संभाला। पीएम होने के बाद शव जैसे ही घर पहुंचा तो इस हृदय विदारक घटना से ऐसा कोई नहीं था जिसकी आंखों में आंसू नहीं थे। हर किसी का कलेजा मुंह को आ रहा था। मां और बहन ने सफेद कपड़े में लिपटे सोनू के शव को सीने से लगा लिया। मां बेहोश हो गई।
मिलेगी 4-4 लाख की सहायता.....
शव पीएम पर पहुंचते ही तहसीलदार वहां पहुंचे। सभी के दस्तावेज तैयार किए। परिजनों को 4-4 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। तीन शवों का पीएम रात 8 बजे के बाद कलेक्टर के आदेश के बाद हुआ।