अटलजी के लिए हर आंख नम

Gwaliyar 19-08-2018 Regional

रिपोर्ट- द्वारिका हुकवानी

ग्वालियर। ग्वालियर के सपूत पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटलबिहारी वाजपेयी के निधन के कारण शुक्रवार को शहर का हर इलाका खामोश था। उन्हें याद कर हर शख्स भावुक था। टीवी चैनलों पर जब उनके अंतिम संस्कार का सीधा प्रसारण शुरु हुआ तो उनके तमाम रिश्तेदारों, मित्रों, कवियों और परिचितों की आंखों से आंसू छलक आए। लाखों लोगों ने उनकी अंतिम विदाई को स्क्रीन पर देेखा। हजारों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 

भतीजी की आंखें भीगीं, टीवी के सामने ही हाथ जोड़ लिए..... 
कमल सिंह का बाग शिंदे की छावनी स्थित अटलजी के पैतृक निवास के एक हिस्से में रहने वाली उनकी भतीजी कांति मिश्रा सुबह से ही टीवी पर नजरें गड़ाए रहीं। अपने चाचाजी के अंतिम दर्शन के लिए वह कई घंटे तक टीवी के सामने ही बैठी रहीं। अटलजी के पार्थिव शरीर को उनके निवास से भाजपा मुख्यालय ले जाने के दृश्य को देखकर वह कई बार रोयीं। शाम को जब अटलजी के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चल रही थी आैर स्मृति स्थल पर मौजूद विशिष्टजन उन्हें अंतिम विदाई दे रहे थे, तो 75 वर्षीय कांति मिश्रा की आंखों में आंसू थे। डबडबाई आंखों के साथ उन्होंने अपने चाचा जी को अंतिम प्रणाम की मुद्रा में दोनों हाथ जोड़ लिए। उनके पति अोपी मिश्रा दिल्ली में अटलजी की अंत्येष्टि में शरीक हुए। 

अंतिम संस्कार की रस्म के दाैरान छलक आए आंसू...... 
अरगड़े की गली दाल बाजार में रहने वाले अटलजी के मित्र आैर हमउम्र बैजनाथ शर्मा अपनी उम्र आैर गिरते स्वास्थ्य के बावजूद टीवी पर अटलजी की अंतिम विदाई का प्रसारण देख रहे थे। शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहने के साथ-साथ मध्य भारतीय हिंदी साहित्य सभा के अध्यक्ष रहे 93 वर्ष के श्री शर्मा कभी उनकी याद कर भावुक हो उठते। कभी अपनी नजर टीवी से हटाकर जमीन में गड़ा देते आैर देर तक जमीन की आेर ही देखते रहते। टीवी स्क्रीन पर जैसे ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के दृश्य शुरू हुए उनकी आंखों में आंसू छलक उठे। वह कुछ बोल नहीं पा रहे थे, लेकिन उनकी नम आंखें और गमगीन चेहरा उनके दुख को बयां कर रहे थे। अटलजी के यूं चले जाने से वे बेहद व्यथित थे। 

मित्र का घर-गार्ड ऑफ ऑनर के साथ ही खड़े हो गए शैवाल दंपति...... 
शिंदे की छावनी में रहने वाले शैवाल सत्यार्थी (85) का अटलजी से खासा संपर्क रहा है। उनके पास अटलजी से जुड़ीं तमाम यादें, जिनमें दोनों के बीच हुआ पत्राचार भी शामिल हैं, संरक्षित है। वे अटलजी के निधन के बाद से ही टीवी पर अंतिम संस्कार के प्रसारण पर नजर लगाए रहे। अपने सभी काम छोड़कर वह अटलजी की अंतिम विदाई को एकटक देख रहे थे। उनके चेहरे पर छाया गम उनकी वेदना को प्रकट कर रहा था। टीवी स्क्रीन पर अंतिम संस्कार की रस्मों के दौरान जैसे ही अटलजी को राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ आॅनर दिया गया, वैसे ही उन्होंने सम्मान में अपने स्थान पर उठकर खड़े होकर अंतिम विदाई दी। पास ही बैठीं शैवाल जी की पत्नी रश्मि सत्यार्थी ने भी उनका अनुसरण किया।