आखिर क्यों निरस्त हुआ मुख्यमंत्री का मन्दसौर दौरा ..?

Neemuch 26-08-2018 Regional

भाजपा नेताओं की आपसी खींचतान की खबरें मीडिया, सोशल मीडिया में छाई तो कांग्रेस ने कसा तंज..... 

रिपोर्ट-सूरजमल राठौर  मोब.8109180254

मंदसौर प्रदेश में भाजपा का गढ़ माने जाने वाले शहर मंदसौर में भाजपा की  सियासी हलचल काफी तेज है .दो दिन पहले मुख्यमंत्री का दौरा मंदसौर में होने की जानकारी सोशल मीडिया के प्लेटफार्म व्हाट्सऐप पर देने और दो दिन बाद खुद विधायक ही मुख्यमंत्री से फोन पर चर्चा होने का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री का दौरा निरस्त होने की सूचनाएं सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में देने से जंहा भाजपा की अंदुरुनी राजनीति को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं बल्कि चर्चा चौराहे पर सरेआम इस बात पर बहस होने लगी हैं कि मुख्यमंत्री का मन्दसौर दौरा रद्द हुआ है या किसी ने रदद् करवाया है ? इसी बीच कांग्रेस ने भी इस पर व्यंग्यात्मक अंदाज में निशाना साधा है और कांग्रेस के मंडलम अध्यक्ष अशांशु संचेती ने सोशलमीडिया पर यह टिप्पणी कर के कि "रक्षाबंधन की वजह से  मुख्यमंत्री का दौरा निरस्त हुआ है" के बाद  चौराहो की चर्चाएं और भी तेज हो गई हैं
   गौरतलब हैं कि 20 अगस्त को मन्दसौर विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने जानकारी दी थी कि 25 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मन्दसौर दौरा कर किसानों को भावन्तर योजना के तहत आयोजन में भाग लेकर रतलाम, मन्दसौर और नीमच जिलों के किसानों को भावन्तर भुगतान राशि वितरण समारोह में भाग ले कर राहत राशि के चेक वितरण करेंगे.इतना ही नहीं यशपालजी ने तो यह भी बताया था कि मुख्यमंत्री शहर के संजीत पाठक पर 31 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पूल और सीतामऊ पाठक पर 13 करोड़ की लागत से बनने वाले पुलिया का शिलान्यास भी करेंगे . लेकिन 22 सितम्बर को दो दिन बाद ही यशपालसिंह सिसोदिया  मुख्यमंत्री  का दौरा निरस्त होने होने की जानकारी देते है तो इसी दिन कांग्रेस के मंडलम अध्यक्ष अशांशु संचेती सोशल मीडिया पर  टिपण्णी कर देते है कि  रक्षाबंधन के त्योहार की वजह से मुख्यमंत्री का दौरा निरस्त हुआ है. जिसे अधिकांश लोगों ने व्यंग्य माना. बहरहाल यह मान भी लिया जाए कि ऐसा हुआ हो ,तो भी क्या यह बात दो दिन पूर्व भाजपा नेताओं को मालूम नही थी ? गले नही उतरता
राजनीति के जानकारों का मानना है की लगातार 14 वर्षो से सत्ता का सुख भोग रही भाजपा में इस चुनावी वर्ष में कई बड़े नेता विधायक पद के दावेदार है .ऐसे में शहर में विकास कार्य कराने के ले कर होड़ की दौड़ लगातार तेज हो रही है .ऐसे में मुख्यमंत्री के दौरे के बहाने किसान वोट कैप्चर और शिलान्यास में अकेले श्रेय लेने की शंका-कुशंका के बीच ही ब्लाइंड गेम खेला गया है. जिसमे सियासत की शतरंज में शह और मात के खेल में कौन कब कैसी चाल खेले कौन जाने? पहले भी शा. महाविद्यालय मैदान में हुए "सम्बल" योजना के तहत हुए आयोजन  के समय अमर शहीद चंदशेखर आजाद की प्रतिमा अनावरण का पहले से तयशुदा कार्यक्रम स्थगित हुआ था. यंहा हम कुछ  घटनाओं का वर्णन करेंगे जिससे जिले की भाजपा की राजनीति समझ मे आ जाएगी .मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री का मन्दसौर में रात्रि विश्राम का कार्यक्रम टाला गया.सुवासरा-गरोठ जनदर्शन का कार्यक्रम दो बार टाला गया. गांधीसागर में हिंगलाज रिसोर्ट लोकार्पण टाला गया और अब 25 अगस्त का मुख्यमंत्री का दौरा भी टला .इतना ही नही कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा भाजपा में उपेक्षा होने की शिकायत भी मीडिया और सोशल मीडिया में देखी गई हैं