बहनों की अपील, सेल्फी के लिए खतरनाक जगह ना जाओ भैया
Gwaliyar 27-08-2018 Regional
रिपोर्ट- द्वारिका हुकवानी
ग्वालियर। रक्षाबंधन के ठीक पहले सुल्तानगढ़ हादसे में अपने भाई (सोनू चौहान) को खोने वाली बहनों ने सभी भाइयों से एक ही अपील की है कि आज कल के युवा सेल्फी के लिए खतरनाक जगह पर जाकर मोबाइल में व्यस्त हो जाते हैं। सोनू तो चला गया। लेकिन सभी इस तरह के स्थान पर न जाएं और सेल्फी के लिए खुद की जान को खतरे में न डालें। चंदन नगर ठाकुर मोहल्ला निवासी 16 वर्षीय सोनू चौहान, चौहान परिवार में 4 बहनों के बीच इकलौता भाई था। वह 15 अगस्त को बिना बताए घर से निकलकर सुल्तानगढ़ पिकनिक मनाने पहुंच गया था।
यहां वह पानी में अपने तीन साथियों के साथ बह गया और उसकी मौत हो गई। लेकिन इस साल चौहान परिवार मेें इस त्यौहार पर हर बार की तरह न तो हंसी ठिठौली होगी न ही चार बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। बहनों का कहना है कि काश, उस दिन उसे रोक लिया होता तो आज भाई हमारे बीच होता। हर रक्षाबंधन पर कहता था कि कभी बहनों की आंखों में आंसू नहीं आने देगा। लेकिन अनजाने मेेंही सही सोनू हमेशा के लिए हमें रोता छोड़ गया।
15 अगस्त को सुल्तानगढ़ झरने में बारिश के बाद अचानक बढ़े पानी और सैलाब के बीच 9 लोग बह गए थे। जबकि 45 लोग पानी में फंस गए थे। 45 लोगों को तो प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू कर बचा लिया था। लेकिन 9 बहे लोगों में एक की भी जान नहीं बची। इन्हीं 9 लोगों में से एक था चंदन नगर निवासी 16 वर्षीय सोनू चौहान। वह चार बहनों सपना, पूजा, भावना व रेनू के बीच इकलौता भाई था। सभी बहनों से छोटा होने के कारण सभी उस पर जान छिड़कते थे। जब 15 अगस्त को वह घर से निकला तो अभी आने की कहकर गया था लेकिन इसके बाद वह कभी लौटकर नहीं आया। जब उसके बहने की खबर मिली तो चारों बहनें घर पर ही थीं। सोनू के झरने में बहने की सूचना मिलते ही पिता तलाशने निकल गए। घर पर मां और बहनों ने भगवान से हाथ जोड़कर एक ही प्रार्थना की किसी तरह उसका चेहरा मुस्कुराता हुआ दिखा दे। लेकिन भगवान को भी उन पर दया नहीं आई 2 दिन बाद उसका शव मिलते ही सारी आस हमेशा के लिए खत्म हो गई।
जब नौकरी लग जाएगी तो सबको गिफ्ट दूंगा.....
छोटी बहन रेनू ने बताया कि हर बार रक्षाबंधन पर हम उससे गिफ्ट मांगते थे। तो कहता था कि नौकरी लग जाएगी तो सबको गिफ्ट दूंगा। लेकिन हमें नहीं पता था कि वह इस रक्षाबंधन पर बिछड़ने का गम दे जाएगा। यह कहते हुए बहन की आंखों से आंसू छलक उठे। इसी तरह सपना, पूजा व भावना भी उसकी पिछले रखाबंधन की यादों को याद करते हुए उसकी तस्वीर को देखते हुए रोने लगती हैं। सिर्फ 10 दिन हुए हैं उसकी मौत को।
यहां वह पानी में अपने तीन साथियों के साथ बह गया और उसकी मौत हो गई। लेकिन इस साल चौहान परिवार मेें इस त्यौहार पर हर बार की तरह न तो हंसी ठिठौली होगी न ही चार बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। बहनों का कहना है कि काश, उस दिन उसे रोक लिया होता तो आज भाई हमारे बीच होता। हर रक्षाबंधन पर कहता था कि कभी बहनों की आंखों में आंसू नहीं आने देगा। लेकिन अनजाने मेेंही सही सोनू हमेशा के लिए हमें रोता छोड़ गया।
15 अगस्त को सुल्तानगढ़ झरने में बारिश के बाद अचानक बढ़े पानी और सैलाब के बीच 9 लोग बह गए थे। जबकि 45 लोग पानी में फंस गए थे। 45 लोगों को तो प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू कर बचा लिया था। लेकिन 9 बहे लोगों में एक की भी जान नहीं बची। इन्हीं 9 लोगों में से एक था चंदन नगर निवासी 16 वर्षीय सोनू चौहान। वह चार बहनों सपना, पूजा, भावना व रेनू के बीच इकलौता भाई था। सभी बहनों से छोटा होने के कारण सभी उस पर जान छिड़कते थे। जब 15 अगस्त को वह घर से निकला तो अभी आने की कहकर गया था लेकिन इसके बाद वह कभी लौटकर नहीं आया। जब उसके बहने की खबर मिली तो चारों बहनें घर पर ही थीं। सोनू के झरने में बहने की सूचना मिलते ही पिता तलाशने निकल गए। घर पर मां और बहनों ने भगवान से हाथ जोड़कर एक ही प्रार्थना की किसी तरह उसका चेहरा मुस्कुराता हुआ दिखा दे। लेकिन भगवान को भी उन पर दया नहीं आई 2 दिन बाद उसका शव मिलते ही सारी आस हमेशा के लिए खत्म हो गई।
जब नौकरी लग जाएगी तो सबको गिफ्ट दूंगा.....
छोटी बहन रेनू ने बताया कि हर बार रक्षाबंधन पर हम उससे गिफ्ट मांगते थे। तो कहता था कि नौकरी लग जाएगी तो सबको गिफ्ट दूंगा। लेकिन हमें नहीं पता था कि वह इस रक्षाबंधन पर बिछड़ने का गम दे जाएगा। यह कहते हुए बहन की आंखों से आंसू छलक उठे। इसी तरह सपना, पूजा व भावना भी उसकी पिछले रखाबंधन की यादों को याद करते हुए उसकी तस्वीर को देखते हुए रोने लगती हैं। सिर्फ 10 दिन हुए हैं उसकी मौत को।