तानाशाह बिजली अधिकारीयों ने पहले बनाया बिजली चोर, अपमान किया अब सरकार ने लगाया मरहम

Gwaliyar 28-08-2018 Regional

बिजली चोरों को यह लाभ सरकार की संबल योजना के तहत दिया गया हेतानाशाह बिजली अधिकारीयों ने पहले बनाया बिजली चोर, अपमान किया अब सरकार ने लगायामरहम....

रिपोर्ट- द्वारिका हुकवानी

 
ग्वालियर। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सिटी सर्कल ने  2 हजार बिजली चोरों के केस वापस ले लिए। साथ में 12 करोड़ का बिल भी माफ कर दिया। बिजली चोरों को यह लाभ सरकार की संबल योजना के तहत दिया गया है। इसके लिए जिला सत्र न्यायालय में विशेष लोक अदालत का भी आयोजन किया गया था।
सरकार ने गरीब, मजदूरों के लिए संबल योजना लागू की है, जिसके तहत बकाया बिल के साथ 200 रुपए प्रति महीने के हिसाब से बिजली भी दी जा रही है। साथ ही बिजली चोरी के केस वापस लेने का भी फैसला लिया है। गरीब, मजदूर, किसानों के बिजली चोरी के केस वापस लेने के लिए सराकर ने आदेश दिया है। इसके लिए विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया। सिटी सर्कल में 2 हजार बिजली चोरों ने मजदूरी व बीपीएल कार्ड कंपनी के समक्ष पेश किए। कंपनी ने उनके ऊपर धारा 135 व 138 के तहत दर्ज केस वापस ले लिए। कई बिजली चोर तो ऐसे हैं, जिनके ऊपर एक से अधिक बार केस दर्ज किया गया था। एक-एक बिजली चोर का चार से पांच लाख रुपए तक का बिजली बिल माफ हुआ है।

कई साल से थे लंबित.....
- बिजली कंपनी ने शहर में चोरी करते पाए जाने पर धारा 135 के तहत चोरी के केस दर्ज किए थे और उन्हें बिल जारी कर दिए थे। जब जमा नहीं किया तो कोर्ट में परिवाद दायर कर दिया। कोर्ट में ट्रायल चल रही थी।

- धारा 138 के तहत उन लोगों पर चोरी के केस दर्ज किए जाते हैं, जिन्हें पहले से धारा 135 के तहत चोरी करते हुए पकड़ा गया था। कंपनी की नजर में इन्हें आदतन चोर माना जाता है।

बिजली चोरी के जितने भी केस वापस लिए गए हैं, उन लोगों के बिल की आधी राशि राज्य सरकार जमा करेगी। आधी राशि बिजली कंपनी भरेगी। ब्याज माफ किया जाएगा।

173 करोड़ का बकाया भी माफ.....

बिजली कंपनी ने सिटी सर्कल में समाधान योजना(संबल) के तहत 40 हजार 762 लोगों का 173 करोड़ का बकाया माफ हो चुका है। ये कंपनी की नजर में डिफाल्टर हैं, लेकिन संबल योजना आने के बाद मजदूर कार्ड कंपनी में पेश किए और उनका बिल माफ हो गया है। इनके बकाए को सरकार व बिजली कंपनी भरेगी।

-संबल योजना के तहत 20 हजार 179 उपभोक्ताओं का 3 करोड़ 26 लाख रुपए सरकार हर महीने बिल भरेगी। उपभोक्ता 200 रुपए प्रति महीने के हिसाब से सिर्फ 4 लाख रुपए ही जमा करेंगे।