सु-प्रभात

Neemuch 31-08-2018 Thought of the day

यदि ईश्वर है, तो हमें उसे देखना चाहिए, यदि आत्मा है, तो हमें उसकी प्रत्यक्ष अनुभूति कर लेनी चाहिए, अन्यथा उन पर विश्वास न करना ही अछी है | ढोंगी बनने की अपेक्षा नास्तिक बनना अच्छा है|

ईश्वर ने तुझे मानव शरीर दिया है.यही उचित समय है, जब तू भगवान को पा सकता है,तेरे अन्य सारे प्रयास व्यर्थ है, सत्संग में प्रवृत्त हो और ईश्वर का ही नाम ले.

 सत्संग की महान महिमा है – वह दुख घटाता है और पापों को काटता है और जीवन को सुधारता है.