पार्षद मोनू लोक्स आर्थिक स्वार्थो की पूर्ति के लिये कर रहा है द्वेषता की घटिया राजनिति- राजेश अजमेरा

Neemuch 31-08-2018 Regional

पार्षद मोनू लोक्स के बेबुनियाद आरोपो में खुलकर सामने आये पार्षद अजमेरा........

रिपोर्ट- ब्यूरों डेस्क-

नीमच। विगत कई दिनों से लगातार पार्षद मोनू लोक्स ने अपने निजि आर्थिक स्वार्थो की पूर्ति ना होने पर केवल राजनितिक द्वेषता रखते हुए आए दिन पार्षद अजमेरा पर जो लांछन लगाए वो बेबुनियाद है। पार्षद मोनू लोक्स द्वारा लगाये गये बेबुनियाद झुठे व मिथ्या आरोपों को सिेरे से खण्डन करते हुऐं पार्षद अजमेर ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास पूरे मध्यप्रदेश की नगर निगम नगर पालिकाओं से किराए की दुकान भवन के संबंध में नगर पालिका की मनमानी की शिकायतें लगातार आ रही थी,

इस पर उन्होंने जनहित में मध्यप्रदेश शासन चल-अचल संपत्ति अंतरण अधिनियम में 24 फरवरी 2016 को नया कानून बना दिया जिसके अंतर्गत नगर निगम तथा नगरपालिकाओं की किराए की संपत्तियों का दुकानों का क्रय विक्रय करने का अधिकार नियम 2016 अचल संपत्ति का अंतरण के उपनियम 4 में प्रावधान कर कानून बना दिया है, कि अब नगर पालिका की दुकानों का क्रय-विक्रय भी हो सकेगा और इस का नामांतरण करने का अधिकार भी परिषद् की जगह नगर पालिका सीएमओ को दे दिया गया है। ऐसे में  मुख्यमंत्री ने नगर निगम तथा नगरपालिकाओं के द्वारा जनता के नामांतरण की दुकानों का जो भारी भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा था उसे यह नया कानून पूरी तरह समाप्त करता है। इस प्रकार इस भ्रष्टाचार को समाप्त कर पूरे मध्य प्रदेश की जनता को उन्होंने एक बहुत बड़ी सौगात प्रदान की है। ऐसे में कानून के विपरीत जाकर मोनू लॉक्स द्वारा आरोप लगाना यह उनकी कुपोषित मानसिकता व बुद्धिहिन कमजोरी को दर्शाता है। साथ ही कहीं न कहीं उनके आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति ना होने का कारण भी दर्शाता है। इसीलिए उन्होंने जाजू मार्केट की पूर्व में इसी परिषद के कार्यकाल में लगभग 15 से 20 दुकानों के नामांतरण की स्वीकृति मोनु लोक्स द्वारा दी गयी थी फिर इस दुकान पर उन्हें आपत्ति क्यों है? कही पूर्व में मोनू लोक्स को कोई बड़ा आर्थिक लाभ तो प्राप्त नहीं हुआ? जो इस बार मोनू लोक्स को नहीं मिला। जनता के सामने और मीडिया के साथियो को स्पष्ट करें। उक्त दुकान में तो नगरपालिका से एवं मध्य प्रदेश शासन से भी  किरायेदारी हस्तांतरण की अनुमति प्राप्त है।  पार्षद अजमेरा ने अपनी बात में खुलकर कहा कि अगर मेरे द्वारा या मेरे नाम से कोई दुकान का अलाटमेंट होता है तो मैं सहर्ष उसको छोड़ने को तैयार हूं जिसके लिए मेरे द्वारा एक लिखित आवेदन नगर पालिका सीएमओ, नगर पालिका अध्यक्ष के साथ ही जिला कलेक्टर को भी दिया गया है। यहि नहीं, यह पूरा मामला सिर्फ राजनीतिक द्वेषता निकालते हुए अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए किया गया यह कुकृत्य ब्लैकमेलिंग को दर्शाता है। यह दो पक्षो के बिच का आपसी लेनदेन है। इसमें स्वार्थ पूर्ति का सवाल ही नहीं उठता। में  ईश्वर से कामना करता हूं की पार्षद मोनू लोग को ईश्वर सद्बुद्धि दें। और वो ब्लैकमेलिंग का काम छोड़ कर जनहित के कार्यो में ध्यान दे।