पिपलिया ओव्हरब्रिज के लिए 20 करोड़ 19 लाख की स्वीकृति, रेल सुविधा विस्तार समिति ने कहा सत्त आंदोलनों के आगे झुकना पड़ा सरकार को

Pipliya Mndi 31-08-2018 Regional

                                                                 ओव्हरब्रिज के अभाव में रेलवे फाटक पर इस तरह खड़े रहते है वाहन 
 
रिपोर्ट- जेपी0 तेलकार-
 
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। आखिरकार रेल सुविधा विस्तार समिति के सत्त आंदोलनों से मजबूर होकर प्रदेश सरकार को पिपलिया में रेलवे फाटक क्रमांक 141 पर ओव्हरब्रिज के लिए 20 करोड़ 19 लाख की राशि स्वीकृत करना पड़ी। उल्लेखनीय है कि चार वर्ष पूर्व ओव्हरब्रिज स्वीकृत होने के बाद भी राज्य शासन की ओर से प्रशासकीय स्वीकृति नही मिलने के कारण काम शुरु नही हो पाया था, जबकि इसके साथ स्वीकृत हुए तीन ब्रिज का काम अंतिम चरण में है। यहां ओव्हरब्रिज नही बनने से हजारों लोग व वाहन चालक रोज परेशान हो रहे थे। रेल सुविधा विस्तार समिति के अध्यक्ष अनिल शर्मा, संरक्षक रमेश तेलकार व चौथमल गुप्ता, प्रवक्ता भूपेन्द्र महावर, बंशीलाल सोनी, प्रकाश राठौर, संदीपसिंह राठौड़, अनिल बोराना, अनिल उस्ताद, अशोक खिंची, बाबूलाल पंवार, भंवर राठौर आदि ने बताया ओव्हरब्रिज के कार्य को शुरु करवाने के लिए रेल सुविधा विस्तार समिति पिछले साढ़े तीन वर्षों से आंदोलन कर रही थी। समिति ने ज्ञापन, धरना, हस्ताक्षर अभियान, पोस्टकार्ड अभियान, नगर बंद, सत्याग्रह, सद्बुद्धि यज्ञ, बही तालाब में जल सत्याग्रह के साथ ही रेलवे के जीएम व डीआरएम रतलाम, प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक को भी लिखित में समस्या को लेकर अवगत कराया। रेल सुविधा विस्तार समिति ने सत्त आंदोलन किए, जिसमें नगर सहित अंचलवासियों का भी भरपूर समर्थन मिला। स्थानीय पत्रकारों ने भी हस्ताक्षर अभियान चलाया था। लगातर हो रहे आंदोलन के बाद आखिरकार प्रदेश सरकार को झुकना पड़ा। मप्र शासन लोक निर्माण विभाग सचिव आरके मेहरा ने 28 अगस्त को पत्र जारी किया, जिसमें राज्यपाल के आदेशानुसार पिपलिया में ओव्हरब्रिज के लिए 20 करोड़ 19 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की। करीब इतनी ही राशि रेलवे विभाग व्यय करेगा। अनुमानित करीब 40 करोड़ रुपए उक्त ब्रिज के लिए खर्च होगा। ब्रिज की लम्बाई रेलवे लाइन से दोनों और करीब 750, चौड़ाई 12 मीटर, उंचाई पटरी से करीब 10 मीटर रहेगी। 
जाम से मिलेगी निजात, बचेगा समय व ईधन:-
उल्लेखनीय है कि पिपलिया रेलवे फाटक गाडियों के आवागतन के चलते औसत बीस मिनट बंद होती है, इस कारण सैकड़ों वाहन की कतार दोनों और लग जाती है, गाड़ियों के क्रासिंग के दौरान फाटक ज्यादा देर बंद रहने से जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। कई बार एबूलेंस, जननी एक्सप्रेस, दमकल आदि भी जाम में फस जाते है। एसे में उपचार के अभाव में कई बार गंभीर घायल दम तोड़ चुके है। ब्रिज बनने से फाटक पर आने वाली परेशानियों से निजात मिलेगी।