मार्गानुसारी बनने का पुरुषार्थ करो-मसा

Pipliya Mndi 07-09-2018 Regional

                                                      चित्र- प्रभु की आकर्षक आंगी सजाई
रिपोर्ट- जेपी0तेलकार
 
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। पर्युषण पर्व के आठ दिन में प्रत्येक श्रावक अपनी आत्मा पर लगे एक-एक दुर्गुण के कर्मबंधन को कम करता जाए, वह निरंतर मागानुसारी बनने का पुरुषार्थ करे। यह बात जिनप्रिया एवं अर्हमप्रिया मसा ने यहां कुमठ आराधना भवन में व्याख्यान के दौरान कही। उन्होंने आगे कहा सच्चे श्रावक का अर्थ जो श्रद्धा सहित विवेकपूर्ण अपनी क्रियाएं संपादित करे। वर्षभर में श्रावक के बताए 11 कर्त्तव्यों का और पर्युषण में पांच कर्त्तव्यों का पालन करे। मसा ने कहा कई पुण्य अर्जन मनुष्य भव मिलता है। साधर्मी की भक्ति सर्वोपरी धर्म है, मानव-मानव के काम आए ये मार्गानुसारी बनने की प्रथम सीढ़ी है। हमारा प्रत्त्येक मिनिट एक मालवाहक ट्रक की तरह है, यह हमें तय करना है कि इसमें कोयला भरना है या सोना। प्रातः आठ बजे मंदिर में स्नात्रपूजा, मंगल आरती, शांतिकलश का विधान हुआ। संचालन संघ अध्यक्ष अशोक कुमठ ने किया। प्रभावना शैतानमल रांका, सुनील कांठेड़, राजेन्द्र भंडारी परिवार की ओर से थी। पर्व के तहत प्रतिदिन विमलनाथ जैन मंदिर में प्रभु की आकर्षक आंगी भी सजाई जा रही है।