"मेरी औरत से क्यों बात करता हैं’’ ऐसा बोलकर फरियादी व उसके परिवार के साथ मारपीट करने वाले 06 आरोपियों को कारावास व जुर्माना
सुश्री शीतल बघेल, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, नीमच द्वारा 06 आरोपियों को फरियादी द्वारा एक आरोपी की पत्नी से बात करने के विवाद को लेकर फरियादी व उसके परिवार की 3 महिलाओं से मारपीट करने के आरोप का दोषी पाकर न्यायालय उठने तक के कारावास एवं 400-400रू. जुर्माने से दण्डित किया......
रिपोर्ट- रितेश कुमार सोमपुरा-
नीमच। जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री आर. आर. चौधरी द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 2 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 04.07.2016 रात्री के 09ः20 बजे ग्राम नेवड स्थित फरियादी ऊंकारलाल के घर के बाहर की है। फरियादी घर के अंदर था तभी आरोपी गोपाल व अन्य 5 आरोपीगण आये और आवाज देकर फरियादी को घर से बाहर बुलाया, जैसे ही फरियादी घर के बाहर आया तो आरोपी गोपाल ने फरियादी से कहा कि "तू मेरी औरत से बात क्यो करता हैं", इतने में फरियादी की पत्नी डालीबाई तथा पुत्री भारती भी बाहर आयी, फिर आरोपी गोपाल व अन्य 5 आरोपियों ने फरियादी, उसकी पत्नी व दोनों पुत्रीयों के साथ लात-घूसों लठ्ठ से मारपीट की। चिल्ला चोट की आवाज सुनकर बाबू व गोपीलाल ने बीच-बचाव किया। फरियादी ने घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना नीमच सिटी पर की, जिस पर से अपराध क्रमांक 312/2016, धारा 323/34 भादवि के अंतर्गत पंजीबद्ध हुआ। पुलिस नीमच सिटी द्वारा आहतगण का मेडिकल कराने के बाद शेष विवेचना पूर्ण कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय में विचारण के दौरान फरियादी, उसकी पत्नी, दोनो पुत्रीया, बीच-बचाव करने वाले साक्षीयों सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान न्यायालय में कराकर अपराध को प्रमाणित कराया गया। सुश्री शीतल बघेल, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, नीमच द्वारा आरोपीगण (1) रामरतन पिता छोगालाल भील, उम्र-65 वर्ष, (2) दशरथ पिता रामरतन भील, उम्र-22 वर्ष, (3) श्रवणकुमार पिता रामरतन भील, उम्र-24 वर्ष, (4) गोपाल पिता रामरतन भील, उम्र-35 वर्ष, (5) संवारा पिता रामरतन भील, उम्र-20 वर्ष, पांचो निवासी-ग्राम नेवड़ जिला नीमच एवं (6) भूरालाल पिता हेमा भील, उम्र-45 वर्ष, निवासी-जामोता, जिला-अजमेर (राजस्थान) को धारा 323/34 भादवि (एकमत होकर मारपीट करना) में न्यायालय उठने तक के कारावास एवं 400-400रू. जुर्माने से दण्डित किया तथा जुर्माने की रकम में से 200-200रू. आहतगण को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी पारित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी श्री चंद्रकांत नाफडे, एडीपीओ द्वारा की गई।