शहर के सबसे बडे जमीन घोटाले में लिप्त् पाए गए अवैध भूखंडो को पार्षद अजमेरा ने अपने पुत्र के नाम करवाया

Neemuch 08-09-2018 Regional

कांग्रेस पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने कलेक्टर को दर्ज करवाई शिकायत, नपा के अधिकारी भू-माफिया पर  मेहरबान.....
 
रिपोर्ट- ब्यूरों डेस्क
 
नीमच। शहर के सबसे बडे स्कीम नंबर 34—36 जमीन घोटाले में लिप्त पाए गए अवैध भूखंडों  की खरीद—फरोख्त में भाजपा पार्षद राजेश अजमेरा की भूमिका स्पष्ट सामने आने के बाद भी नपा के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। नगरपालिका में दो अवैध भूखंडों को पार्षद अजमेरा ने बेटे कपिल अजमेरा के नाम पर करवा लिए गए, जबकि जिसके नाम से भूखंड जारी हुए  थे इस मामले में स्वयं पटटाग्रहिता ने नपा को लिखित में अवैध दोनों  भूखंडों को निरस्त कर जमा करवाई गई राशि देने की मांग की गई है। इस मामले में नपा के अधिकारियों ने 3 साल तक कुछ भी कार्रवाई नहीं की है। कांग्रेस पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने कलेक्टर राकेश  कुमार श्रीवास्तव औ सीएमओ संजेश गुप्ता को शिकायत दर्ज करवाई तुरंत कार्रवाई की मांग की है। 
 
कांग्रेस पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने स्कीम नंबर 36 बी में करोडों के दो अवैध भूखंडों को पार्षद अजमेरा द्वारा हडपने के मामले में मय दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज करवाई है। अवैध भूखंडों को पार्षद अजमेरा ने अवैध तरीके से खुद के बेटे के नाम पर दानपत्र के माध्यम से रजिस्ट्री करवा ली गई और नपा के अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। अजमेरा ने बीते कई सालों से पार्षद पद का दुरूपयोग करता चला रहा है और नपा की संपत्ति को हडपना उसका प्रमुख उददेश्य बन गया है।  केंद्रीय कर्मचारी गृह निर्माण समिति के सदस्यों के लिए योजना क्रमांक 36 बी में भूखंड क्रमांक 31 व 33 सुरक्षित रखे गए थे। जो केवल मात्र शासकीय कर्मचारी को ही लेने की पात्रता थी।  इसके विपरीत निजी व्यक्ति् गौरव पिता श्यामसुंदर झंवर, जो शासकीय कर्मचारी नहीं था। इसको अवैध रूप से दिनांक 27 मई 2006 को पटटानामा भूखंड क्रमांक 31 व 33 बाबत कर दिया गया।  उक्त अवैध भूखंड बाबत जांच होने पर अनुविभागीय अधिकारी नीमच द्वारा प्रतिवेदन दिनांक 10 दिसंबर 2007 में दोनों भूखंडों को अवैध माना गया है और निरस्ती योग्य लिखा गया है। इसकी  पुष्टि श्रीमान कलेक्टर महोदय नीमच की रिपोर्ट दिनांक 25 दिसंबर 2007 में की गई है और प्रतिवेदन प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन महोदय को प्रेषित किया गया था।   इस बारे में माननीय प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन द्वारा दिनांक 10 अगस्त 2009 के आदेश में उक्त आवंटन मध्यप्रदेश  नगरपालिका अधिनियम की धारा 109 में आवश्यक वैधानिक प्रावधानों के विपरीत होने से अवैध और प्रभावशून्य घोषित किए गए है और माननीय कलेक्टर महोदय द्वारा पारित आदेश 31 अगस्त 2008 स्थिर रखा गया है। नगरपालिका नीमच द्वारा विधिवत पत्र जारी कर दोनों प्लॉटों का आवंंटन निरस्त कर इस बाबत जमा धन राशि पटटाग्रहिता को वापस ली जाने बाबत सूचित किया गया था। जिसके पालन में पटटाग्रहिता गौरव पिता श्याम सुंदर झंवर द्वारा दिनांक 25 फरवरी 2015 को मुख्य नगरपालिका अधिकारी महोदय को आवेदन प्रस्तुत कर आवंटन निरस्ती को स्वीकार किया गया है और जमा धन राशि को वापस दिए जाने बाबत निवेदन किया है। तीन साल से यह आवेदन अपने रसूख के दम पर पार्षद अजमेरा ने दबा रखा है।
 
 
दोनों भूखंडों को कब्जे में ले नगरपालिका.....
पार्षद श्री लोक्स ने बताया कि  जब पटटाग्रहिता स्वयं उपस्थित होकर आवंंटन निरस्ती को स्वीकार कर रहा है और केवल मात्र जमा धन राशि वापस मांग रहा है तथा नगरपालिका नीमच में भी प्लॉट निरस्त कर कब्जे में लेने की कार्रवाई की जाना अपेक्षित है। इन दोनों भूखंडों को अवैध रूप से दिनांक 3 जुलाई 2012 के दानपत्र द्वारा राजेश अजमेरा के पुत्र कपिल अजमेरा के नाम से ले लिया गया है। व अब इन सब के बाद भी मुख्य नपा अधिकारी महोदय द्वारा भाजपा पार्षद राजेश अजमेरा के दबाव में आकर  पिछले साढे  तीन सालों से इन दोनों भूखंडों की फाइल को दबाकर रखा जा रहा है और स्थल पर भूखंडों पर कब्जा करने की कार्रवाई नहीं की जा रही है।  उक्त दोनों भूखंड व्यवसायिक होकर  इन पर कब्जा लिया जाकर आज की स्थिति में यदि नपा पुन: दोनों भूखंडों को निलाम करती है तो यह करीब 70—80 लाख रूपए में नीलाम होंगे व इससे नगरपालिका परिषद को आर्थिक लाभ होगा। इस आर्थिक लाभ को रोकने वाले दोषी अधिकारी व जनप्रतिनिधि के विरूद्ध कार्रवाई आवश्यक है।