सु-प्रभात
Neemuch 24-09-2018 Thought of the day
परिस्थितियां जब विपरीत होती है, तब व्यक्ति का ‘‘प्रभाव और पैसा’’ नहीं ‘‘स्वभाव और संबंध’’ काम आते हैं!
दुखी सब है संसार में कौन है जो सुखी है, किसी को अपना दुख दर्द देता है तो किसी को दूसरों का सुख दर्द देता है!
“मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो परंतु उसकी परछाई सदैव काली होती है… “मैं श्रेष्ठ हूँ” यह आत्मविश्वास है!! लेकिन “सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ” यह अहंकार है…” “इच्छा पूरी नहीं होती तो क्रोध बढ़ता है, और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है। इसलिये जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाये रखना…