जावद के 15 साल-हाल खस्ताहाल......

Neemuch 18-11-2018 Regional

स्वर्गीय सखलेचा के मूर्ति स्थल से लेकर अठाना दरवाजा तक 2 किलोमीटर की बेबस सड़क की कहानी......
अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है सुखानंद तिर्थ स्थल की ओर जाने वाला मार्ग .......
 
रिपोर्ट- ब्यूरों डेस्क....
 
जावद। 331 करोड़ 57 लाख रूपयो से , 955 किमी लंबी 150 सड़को के निर्माण का दम्भ भरने वाले क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक जो 15 साल से निर्वाचित होकर तीन हजार करोड़ के विकास कार्यो की गाथा जावद विधानसभा क्षेत्र के नामे लिख रहे है ''वो'' मात्र दो किलोमीटर की स्थानीय सड़क नही बनवा सके हालात इतने बदतर है कि स्वर्गीय विरेन्द्र कुमार जी सखलेचा के मूर्ति स्थल से प्रारंभ होकर प्रसिद्ध तिर्थ स्थल सुखानंद मार्ग को जोड़ने वाली सड़क जिसे सड़क कहना शर्मनाक होगा अपनी बेबसी पर ना सिर्फ आंसू  बहा रही है बल्कि कहीं किसी कौने मे सड़क नाम का छोटा सा टूकड़ा भी बचा हो तो शायद विकासशील विधायक  से यह पूछ रहा है कि है... सखलेचा जी कम से कम 15 साल मे मुझ पर थोड़ी सी तो मेहरबानी की होती ओर ज्यादा नही तो इतना भर कर लेते कि आदरणीय, प्रात:स्मरणीय, पूज्यनीय, मालवांचल के प्रखर वक्ता, जनसंघी नेता पूर्व मुख्यमंत्री ओर जावद को अपनी कर्मभूमि, ह्दय स्थली बनाने वाले आपके पिताश्री स्वर्गीय विरेन्द्रकुमार जी सखलेचा के गौरवशाली इतिहास ओर उनके सम्मान को बनाये रख उनकी मूर्ति तो आपने इस मुख्य मार्ग पर लगवा दी किन्तु मात्र इस 2 किलोमीटर की सड़क को आप 15 साल मे भी नही बनवा सके जिसका जावद की जनता को ही नही स्वर्गीय सखलेचाजी को भी शायद स्वर्ग मे बेहद अफसोस हो रहा होगा।
उपरोक्त समाचार के सन्दर्भ मे जावद क्षेत्र के जागरूक नागरिकगणो को बतला दे कि विगत 15 वर्षो से ओमप्रकाश सखलेचा इस विधानसभा क्षेत्र से ना सिर्फ निर्वाचित होते चले आ रहे है और कही ना कही उनकी विजयश्री के पिछे स्वर्गीय विरेन्द्रकुमार सखलेचा की छोड़ी गई विरासत ओर उनकी पुण्याई ही शायद काम आ रही है कि हर बार चुनाव के दौरान निर्दलीय या बागी उम्मीदवार के चुनाव मे होने और कही न कही विधानसभा क्षेत्र जावद के मतदाताओ के मध्य स्वर्गीय सखलेचा को आदरंजलि देने फलस्वरूप ओमजी को विधायक की ताजपोशी मिलती रही है। बावजूद ''वो'' क्या इस पर खरे उतर रहे है ये एक विचारणीय प्रश्न है जो इस चुनाव मे हर मतदाता, भाजपा का कर्मठ कार्यकर्ता उनसे पूछ रहा है?  इस तारतम्य मे आपको बता दे दो दिन पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह सखलेचा के समर्थन मे आमसभा करने रतनगढ़ घाटे पर आये थे। जिस पर विधायकजी ने उनके सम्मान मे कसीदे पड़ते हुऐ अपने 15 वर्षीय चुनावी कार्यकाल मे ना सिर्फ तीन हजार करोड़ के विकास कार्यो की गाथा समाचार पत्रो मे प्रकाशित करवाई उसमे 331 करोड़ 57 लाख, 955 किमी लंबी 150 सड़को के निर्माण का दावा भी किया था अब हम यह तो नही कह रहे कि काम कही नही हुआ होगा लेकिन जब जावद शहर को मुख्य रूप से जोड़ने वाली 2 किलोमीटर की सड़क जो स्वर्गीय सखलेचा जी की मूर्ति से शुरू होकर मोतीपुरा, खोर दरवाजा, पुलिया, समता स्कूल, गायत्री शक्तिपीठ, भूतेश्वर मंदिर, मोमीन मोहल्ला, अठाना दरवाजा, कब्रस्तान मार्ग और बदहाल अस्पताल तक जा रही है और आगे यही सड़क मार्ग प्रसिद्ध तिर्थ स्थल सुखानंद सहित राजस्थान को भी जोड़ रही है। उसकी बदहाली खुद अपनी कहानी कह रही है। विगत 15 वर्षो मे क्या एक बार भी विधायकजी की नजर इस सड़क पर नही गई या उनका वाहन यहा से नही गुजरा क्योकि पैदल तो वो जाने से रहे । इस क्षेत्र के रहने वाले नगरवासीयो की पीड़ा क्या उन्हे कभी नजर नही आई ऐसा भी कहकर वो अपना पिछा नही छूड़ा सकते कि विगत नगर परिषद मे कांग्रेस का अध्यक्ष है और यह सड़क नगर परिषद के अधीन भी बनवाई जा सकती थी, किन्तु ऐसा कहकर वो बचना चाहे तो भी उससे पहले विधायकजी के मजबूत आधार स्तम्भ श्याम काबरा भी नगर परिषद के अध्यक्ष रहे और पूर्ण बहूमत से नगर परिषद चलाई गई तब भी इस सड़क जिस पर प्रतिदिन सैकड़ो वाहनो का आवागमन होता है और उनसे आये दिन दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। जबकि धार्मिक स्थलो सहित स्कूल होने से सैकड़ो बच्चे प्रतिदिन यहां पर उड़ने वाली धूल ओर धूऐं को अपने फेफड़ो मे भरकर ले जा रहे है। क्षेत्रवासीयो के स्वास्थ्य पर भी इसका जबरदस्त प्रभाव पड़ रहा है तो करोड़ो रूपये सड़को मे लगाने वाले ''भैया जी''अब तो जावद की निरिह जनता पर रहम खाओ और अपने स्वर्गीय पिताश्री के सम्मान को ध्यान रख कम से कम झूठा दम्भ तो विकास कार्यो का ना भरो।