इन्दौर से आकर 'जावद' से 'नाता' जोड़ा है तो निभाउंगा भी — समंदर पटेल

Neemuch 24-11-2018 Regional

 
नीमच मे ''पार्षद'' का चुनाव हारने वाले जावद की लुटिया डूबो रहे है — पटेल
 
''भय्या'' 15 साल से दे रहा है ''लॉलीपाप''— भाई बनायेगा पार्टी को हरवाने का इतिहास.....
''ट्रेक्टर'' की ''चाल'' ने बिगाड़े ''भाई'' और ''भय्या'' के हाल .....
''समंदर''से पार पाने के लिऐ ''लामबंद'' हुऐ दोनो पार्टीयो के उम्मीद्वार..... 
 
रिपोर्ट- ब्यूरों डेस्क.....
 
जावद। जावद विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय उम्मीदवार समंदर पटेल से पार पाना भाजपा ओर कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे ''भय्या'' और ''भाई'' से मुश्किल होता जा रहा है।  पटेल की सहज, सरल, शैली जावद विधानसभा क्षेत्र के आम मतदाताओ के दिल मे घर करती जा रही है। अखबार हो या सौशल मिडीया पर भी निर्दलीय होने के बावजूद समंदर पटेल दोनो ही दलो के उम्मीद्वारो पर भारी पड़ते नजर आ रहे है। पटेल अपनी सहज, सरल शैली मे विगत 15 सालो मे  से भाजपा प्रत्याशी और बहुमत वाली सरकार के जनप्रतिनिधि होने के बावजूद जावद क्षेत्र को विकास की बजाय ''गर्त'' मे धकेलने वाले सखलेचा की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे है। तो आमजन ही नही कार्यकर्ता भी प्रभावित हो रहे है। दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी राजू अहीर की दबंगई और उनके लड़ाई झगड़े करने पर दर्ज मुकदमो तथा अपनी ही पार्टी से दगाबाजी कर पूर्व चुनाव मे भाजपा प्रत्याशी से सेटिंग कर कांग्रेस की लूटिया डूबोने वाले कृत्यो को सामने ला रहे है तो कांग्रेस प्रत्याशी अब औछी मानसीकता पर उतर आये है। पटेल सिधी सी बात कर रहे है कि पूर्व चुनावो मे भी सखलेचा के समक्ष डमी प्रत्याशी के रूप मे अहीर उतरे थे और उन पर खुले आम एक बड़ी राशि लेकर कांग्रेस प्रत्याशी रघुराजसिंह चौरड़िया को हराने का आरोप था। बावजूद इसके उच्च स्तर पर अपनी चालबाजीयो व अपरोक्ष भाजपा के सहयोग से इस बार फिर टिकिट लाकर अपनी ही पार्टी का बंटाढार करने पर तुले हुऐ है। यह गणित सीधा—सीधा दोनो ही पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओ की समझ मे आ गया है। परिणामस्वरूप निर्दलीय प्रत्याशी को मिल रहे व्यापक जनसमर्थन को ये दोनो गले नही उतार पा रहे है। बजाय एक दूसरे पर आरोप—प्रत्यारोप लगाने और पन्द्रह सालो मे जावद क्षेत्र के लिऐ कुछ नही कर पाने के बावजुद भी जावद विधानसभा के लोगो के हित में क्या विकास करवाया जायेगा ऐसा कोई ''विजन'' अभी तक दोनो मे से किसी ने नही बताकर पटेल इन्दौर से आये है, जैसे खाली मात्र जुमले उछाल रहे है। समंदर पटेल तो खुद मान रहे है कि वो इन्दौर से आये है, किन्तु विगत 10 वर्षो से लगातार जावद क्षेत्र मे रहकर व्यक्तिगत तौर पर अपनी सेवाभावी छबि को स्थापित कर चूके है। खाली मात्र चुनाव लड़ने के लिऐ यहां आते तो जावद मे रहकर यहां के मतदाता नही बनते । जबकि नीमच के होकर दो चुनाव लड़ने के बावजूद अभी तक अहीर जावद मे अपना वोट डालने की पात्रता तक हासिल नही कर पाये। पटेल कह रहे है कि मुझ पर पैसे वाला होने का आरोप लगाकर खुद सवालो के घैरे मे आ रहे है। अरे जब मैरे पास इतना रूपया है तो क्या मे टिकिट खरीदकर चुनाव नही लड़ लेता, पटेल का ''विजन''  बिलकुल साफ है, मै करोड़ा रूपया देकर टिकिट लाउं इससे तो बेहतर है कि वो रूपया मै जावद विधानसभा क्षेत्र के लोगो के लिऐ ही क्यो ना खर्च कर दूॅ। विगत 10 सालो मे स्थानीय रूप से इस क्षेत्र मे रहकर अपने निजी खर्चो से कई समाजसेवी कार्यो मे बढ़चढ़कर पटेल हिस्सा ले रहे है। जावद के कई प्रबुद्धजन समंदर पटेल के लिऐ आपको कहते हुऐ मिल जायेंगे, कि जब भी उन्हे अपने या किसी ओर व्यक्ति के लिऐ इन्दौर मे शिक्षा, अस्पताल या कारोबार के सिलसिले मे जाना पड़ा तो पटेल के वहां होने या ना होने पर भी उनके परिवारजन और पटेल से जूड़े उनके चिर, परिचित व उनके लिऐ काम कर रहे लोगो ने बढ़चढकर ना सिर्फ आवभगत की है बल्कि हर कार्य मे उनकी मदद करने के लिऐ आ खड़े हुऐ। आज पटेल जब चुनावी मैदान मे उतर आये है तो उनके लिऐ यह मौखिक प्रचार चुनावी प्रचार से भी बढ़कर काम कर रहा है। आमजन मानस खुद ही भाजपा कांग्रेस के प्रत्याशीयो द्वारा पटेल पर उठाये जा रहे सवालो का जवाब उनके कार्यकर्ताओ को दे रहे है। 10 सालो मे समंदर पटेल ने इन्दौर से आकर जावद से ना टूटने वाला नाता जोड़ लिया है । चुनाव परिणाम तो आयेगा जब देखेंगे फिलहाल पटेल आमजन मानस के मध्य अपनी पैठ स्थापित करने मे सफल है। 
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जावद। विगत 10 सालो मे जावद क्षेत्र के लोगो से मैने अपना अटूट नाता जोड़ लिया है। लोग कह रहे है मै इन्दौर का हूॅ तो गलत क्या मैरे परिवार मे सरपंच का चुनाव ही जीता गया यह भी ठीक है लेकिन कम से कम मुझ पर आरोप लगाने से पहले अपना चेहरा तो आईने मे देख लेवे जो वर्षो से पार्टी के निष्ठावान नेता बनने का और लोगो की मदद करने वाले ''भाई'' का रूप धरे बैठे है वो नीमच मे रहकर दो—दो बार पार्षद का चुनाव भी नही जीत पाये, तो दुसरी और जावद मे  आकर पार्टी की लुटिया डूबोते हुऐ, भाजपा प्रत्याशी को चुनाव जीतवाने का काम कर रहे है। उक्त विचार प्रकट करते हुऐ जावद विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय प्रत्याशी समंदर पटेल ने चुनाव प्रचार के दौरान लगाये गये आरोपो का जवाब देते हुऐ अपने जनपंसर्क के दौरान ग्राम अथवा बुजुर्ग, नेराल, डाबड़ा खुर्द, डाबड़ा कला,रलायता, सुजानपुरा, कुंवर जी की खेड़ी, कनकपुरा ग्राम मे 24 नवम्बर को आम मतदाताओ और कार्यकर्ताओ के समक्ष व्यक्त किये । आपने कहा कि 15 सालो मे ''जावद'' को ''जापान'' बनाने वाले विधायक और उनको अपरोक्ष रूप से चुनाव जीतवाने वाले कांग्रेस प्रत्याशी की जुगलबंदी अब लोगो के समझ मे आ गई है। एक ''भय्या'' हवाई कीले बनाता है दुसरा दंबगई के जोर पर लोगो को धमकाता है। लेकिन अब किसान का ट्रेक्टर इस चुनावी गाजर घास के प्रकोप से घबरा गया है और उसे उखाड़ फेकने के लिऐ दूर्त गति से पूरे विधानसभा क्षेत्र मे चल रहा है इस बार जावद मे बदलाव आकर रहेगा। पटेल के जनसंपर्क के दौरान कहे गये जुमलो से आम मतदाताओ व कार्यकर्ताओ मे जोशीला माहोल बन गया । जगह—जगह फुलमालाओ से स्वागत और ट्रेक्टर चलेगा जैसे नारे गुंजायेमान हो उठे । पटेल ने इसी क्रम मे सघन जनसंपर्क करते हुऐ रेतपुरा, गलिया, केवलपुरा, फत्ताखेड़ी, पिपरवा, नयापुराना, जुनापुराना, मेघपुरा चौहान, राजपुरा झंवर, झोपड़ा, मेघपुरा गौड़, जसवंतपुरा, जोधा कुण्डल, पाटन, चल्दु, किशनपुरा, मनोहरपुरा, डुगरिया, पाण्डुकुडी, अथवा खुर्द, खेड़ा भंगोता, उम्मैदपुरा, जेतलिया, बाणदा, डाबी, हाथीपुरा, उमर नई—जुनी, राणाखेड़ी, मुआदा, बोरदिया, काल्या तलाई, बोरा कुंडी, मानपुरा, जगपुर, बरखेड़ा गुजर, कांकरिया तलाई के लोगो से भी मिलकर अपने पक्ष मे समर्थन मांगा तो ग्रामीणजनो ने बढ़चढ़कर उनको आशीर्वाद देते हुऐ चुनाव जीताने का संकल्प लिया ।