सु-प्रभात

Neemuch 10-12-2018 Thought of the day

माफ करके शर्मिंदा करने का तरीका भी तो कुछ बुरा नहीं.....

"तूफ़ान में कश्तियां "
और
"अभिमान में हस्तियां"
डूब जाती हैं ......


दो “तथ्य” हमारे “व्यक्तित्व”
  को परिभाषित करते हैं,
  एक, हमारा धीरज
  जब हमारे पास कुछ न हो।
दूसरा हमारा व्यवहार
जब हमारे पास सब कुछ हो।।
 
     
"रिश्ते” तो “सूरजमुखी” के..
      “फूलो” की तरह होते हैं..
जिधर “प्यार” मिले..
     उधर ही "घूम" जाते हैं.....


हमारी उपलब्धियों में
दूसरों का भी योगदान
       होता है क्योंकि
समन्दर में भले ही
     पानी अपार है पर सच
तो यही है कि वो
      नदियों का उधार होता है......


विश्वास कभी भी,
चमत्कारों की इच्छा नहीं रखता,
   किन्तु कई बार विश्वास,
के कारण चमत्कार हो जातें है ...!

      
जिंदगी की तपिश को सहन कीजिये,अक्सर वही पौधे मुरझा जाते हैं जिनकी परवरिश छाया में होती है.....

आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो.....