भाजपा के गढ़ में डमी जिलाध्यक्ष की ताजपोशी के प्रयास और भाजपा की दुर्दशा!! - कपिलसिंह चौहान
NEEMUCH 06-12-2019 Regional
शक्ति का केंद्र बने रहने की चाहत में कुछ ताकते भाजपा जिला संगठन को डमी रूप देना चाहती हैं...
रिपोर्ट- कु. कपिलसिंह चौहान
नीमच। मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी में संगठन चुनाव का दौर जारी है. नगर मंडल अध्यक्षो की घोषणा होते ही जिलाध्यक्षो के चुनावों की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई. इन चुनाव के दृष्टिगत मालवा क्षेत्र के हालात बहुत दयनीय है. संगठन की दृष्टि से मालवा और मालवा में मंदसौर व नीमच जिला भाजपा का गढ़ माना जाता है. लेकिन पिछले वर्षों से इन जिलों में भाजपाई कार्यकर्ताओं में अविश्वास और असंतोष उभर रहा है.
संगठन स्तर पर कुशल नेतृत्व की कमी से कार्यकर्ता और सदस्यो में निराशा है. जिस तरह से मंडल अध्यक्षों की ताजपोशी की गई और अब जिला अध्यक्षों की घोषणा के लिए जो नाम भेजे गए हैं और जिन नामो पर बारम्बार जोर दिया जा रहा है उससे यह स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि भाजपा का नया संगठन किस स्तर का होगा. कार्यकर्ता अचंभित हैं, पद के लिए खींचातानी देखकर हैरान हैं. सबसे बड़ी बात यह की यह खींचातानी जिलाध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में कम बल्की विधायको में ज्यादा है. विधायक होने के बावजूद संगठन में दखल और अपना वर्चस्व कायम रखने के उद्देश्य से डमी जिलाध्यक्ष की ताजपोशी के प्रयास करने पर भोपाल में इनके कान भी उमेठे गए. प्रदेश संगठन प्रमुखों ने नीमच जिले के विधायको को बच्चो की तरह लताड़ा ऐसी खबर है. बावजूद अभी भी व्यूह रचना में लगे हैं. मेरा-तेरा, अपना-पराया चलते देख कार्यकर्ताओं में निराशा के भाव पैदा हो रहे हैं. इन्हें हर हाल में पद चाहीए, इनका पेट वर्षो की विधायकी से भी नहीं भरा. एक व्यक्ती जो सपने में भी नहीं सोच सकता था उसके नाम पर एक मत हो कर ये भोपाल पहुंचे. इनकी इस हरकत से प्रतीत होता है की संगठन के प्रति इनकी सोच और रवैया कितना ईमानदाराना और गंभीर है!!
इन्ही सब बातों पर नियंत्रण रखने के लिए भाजपा में संगठन मंत्रियों की व्यवस्था जिला संगठन मंत्री के रूप में की गई. इस मामले में नीमच जिले का इतिहास अपनी अलग ही पहचान रखता है. 92-93 में हुकुमचन्द्र गुप्ता संगठन मंन्त्री थे. उनके बाद क्रमश: चन्द्रशेखर झा, नरेन्द्र पाल सिंह भदौरिया, यशवंत कौरव, राजेंद्र सिंह राजपूत और अंत में ब्रजेश चौरसिया इस पद पर रहे. आश्चर्यजनक है की इन सभी संगठन मंत्रियों के नीमच से हटते ही इन्हें घर भेज दिया गया. जबकी संगठन मंत्रीयो को अन्य जिलों में भेजा जाता है या प्रदेश में प्रमोट किया जाता है. लेकिन मात्र चंद्रशेखर झा ही इसके अपवाद रहे. अब गोर करने वाली बात यह है कि नीमच में रहे सभी संगठन मंत्रियों को घर क्यों जाना पडा ! ऐसी कौन सी ताकते है जो इनके साथ लगकर इन्हें पथ भ्रष्ट कर मनमाने निर्णय करवाती है जिस वजह से संगठन मंत्रियों को घर भेज दिया जाता है. नीमच-मंदसौर जिले प्रदेश भर में संगठन के बड़े मजबूत जिले हैं जिनके हालात क्या हो गए हैं ! इन जिलों ने मध्यप्रदेश को दो तेजतर्रार मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरेंद्र कुमार सकलेचा और स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा के रूप में दिए वंही स्व.लक्ष्मी नारायण पांडे और सत्यनारायण जटिया के रूप में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी जिले को नेतृत्व मिला. जो जिला वहां से आगे बढ़ना था वंही क्षेत्र का वर्चस्व मध्यप्रदेश में आज समाप्त हो गया है. जो लीडरशिप पैदा होनी थी वह पैदा नहीं हो पाई, जो थी वह समाप्त हो गई. ऐसे में प्रदेश भाजपा को इस पर गहन चिंतन मनन करना होगा. उन ताकतों और उस काकस को पहचानना होगा जिनके कारण इस क्षेत्र में भाजपा की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है. प्रदेश को नेतृत्व प्रदान करने वाली राजनितीक रूप से भाजपा के लिए उर्वरा भूमी में कार्यकर्ताओं की नजर में निर्विवाद, अच्छे अनुभवी, काबिल और उर्जावान चेहरे मौजूद होने के बावजूद आज उन्हें रोकने के लिए अपने- अपने खेमे के डमी जिलाध्यक्ष की ताजपोशी की कोशीशे की जा रही है. बताईऐ ऐसा डमी जिलाध्यक्ष कैसे नेतृत्व दे पायगा, पत्रकारों के समक्ष अपनी बात रख पाएगा या फिर से वही पैटर्न की उच्च पदाधिकारियों को अवगत करवा दिया है !!
वाकई हैरत की बात है की प्रदेश में 32 जिलाध्यक्षो की घोषणा के बाद भी इस उर्वरा भूमी पर जिलाध्यक्ष पद के लिए उचित, सक्षम, सबको साथ लेकर चलने वाला उम्मीदवार नहीं मिल पा रहा है! सबको अपने-अपने व्यक्ति को पद पर बिठाने की होड़ लगी है, योग्यता का मापदंड नहीं रह गया. वह भी तब जब पार्टी द्वारा इस पद के लिए गाईड लाईन तय है. अंतिम छोर पर बैठा कार्यकर्ता स्वयं पद की लालसा नहीं रखता लेकिन वह यह ज़रुर चाहता है की पार्टी में शीर्ष पदों पर उसकी बात सुनने और समाधान करने वाले कई चेहरे हो, लेकिन शक्ति का केंद्र बने रहने की चाहत में कुछ ताकते संगठन को डमी स्वरुप देना चाहती है.