रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज के लिए टेण्डर व अनुबंध प्रक्रिया पूरीए अगले माह से कार्य शुरु होने की संभावना....
फाटक के उपर होकर निकालते अर्थी
रिपोर्ट- जे.पी.तेलकार.....
पिपलिया स्टेशन। रेलवे फाटक 141 पर ओवरब्रिज का कार्य शुरु होने की टेण्डर व अनुबंध प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। बताया गया रेलवे सीमा छोड़कर करीब 18 करोड़ रुपए में ब्रिज का टेण्डर स्वीकृत हुआ है। सूत्रों के अनुसार ओवरब्रिज का कार्य अलगे माह तक शुरु होने की संभावना जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार सन् 2015 में पिपलिया रेलवे फाटक क्रमांक 141 पर ओवरब्रिज स्वीकृत हो गया था। पिपलिया के साथ स्वीकृत हुए मंदसौर, जावरा व शामगढ़ के ओवरब्रिज बन चुके है, लेकिन सांसद, विधायक व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते पिपलिया में ओवरब्रिज का काम शुरु नही हो पाया। कार्य शुरु नही होने पर पिछले चार वर्षों से रेल सुविधा विस्तार समिति संरक्षक रमेश तेलकार व चैथमल गुप्ता, अध्यक्ष अनिल शर्मा सहित समिति सदस्यों ने धरना, आंदोलन, ज्ञापन, हस्ताक्षर अभियान, पोस्टकार्ड अभियान, नगर बंद, सत्याग्रह, सद्बुद्धि यज्ञ, जल सत्याग्रह आदि आंदोलन किए तथा रेलमंत्री, जीएम., डीआरएम, सांसद, विधायक, प्रभारी मंत्री, कलेक्टर व अनुविभागीय अधिकारी को भी ज्ञापन दिए। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने तो विधानसभा चुनाव में लाभ लेने के लिए इसका भूमिपूजन भी कर दिया था। लेकिन बात इससे आगे नही बढ़ी। प्रतिदिन रेलवे फाटक पर हजारों लोग परेशान हो रहे है। यहां औसतन हर बीस मिनट में गाड़ी व मालगाड़ी के आवागमन के चलते रेलवे फाटक बंद हो जाती है। रेलक्रासिंग के दौरान तो फाटक काफी देर तक बंद रहती है। एसी स्थिति में जाम लग जाता है और इमरजेंसी वाहन एबूलेंस, जननी एक्सप्रेस, फायरबिग्रेड, डाॅयल 100 आदि भी जाम में फंस जाते है। कई बार तो गंभीर मरीज समय पर उपचार नही मिलने के कारण दम तोड़ देते है। कई बार तो अर्थी को फाटक पर ही रोकना पड़ता है या फिर फाटक के उपर से उठाकर बमुश्किल निकालना पड़ता है। इस तमाम परेशानियों के बावजूद भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पिछले चार वर्ष में इस कार्य को लटकाए रखा। प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद कांग्रेस सरकार ने इस ब्रिज का कार्य शुरु करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की थी। राज्य शासन, लोकनिर्माण विभाग ने 8 अगस्त 2019 को टेंडर आमंत्रित किए थे, जिसकी अंतिम तिथि 6 सितम्बर 2019 थी। बताया गया इसमें इंदौर के ठेकेदार का टेंडर स्वीकृत हुआ है और भोपाल में इसकी अनुबंध प्रक्रिया अंतिम चरण में है। बताया गया अलगे माह ब्रिज का कार्य शुरु हो जाएगा। इस बात का पता लगने पर ब्रिज निर्माण का विरोध करने वाले अब वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे हैए जो कभी ब्रिज को बनाने के लिए चार वर्षों में हुए आंदोलनों में साथ नही दिखेए कुछ लोगों ने तो ब्रिज का कार्य रुकवाने के लिए उच्च न्यायालय की शरण भी ली थी, लेकिन वहां याचिका ही नही हो पाई। रेल सुविधा विस्तार समिति के रमेश तेलकार, अनिल शर्मा व चैथमल गुप्ता ने बताया कि चार वर्ष पूर्व ब्रिज की स्वीकृत होने पर जिन लोगों ने बधाई के विज्ञापन लगाए थे, वही लोग बाद में ब्रिज का विरोध करने में लग गए या खामोश रहेए एसे लोगों को नगरवासी भी जानते है, ब्रिज का कार्य चालू करवाने के लिए हुए आंदोलनों में जो व्यक्ति कभी नजर नही आए वह अब सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास कर रहे है, लेकिन यह पब्लिक है, सब जानती है।