मध्यप्रदेश की गौरवः एक पैर से साइकिल चलाकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर तय कर डाला
रिपोर्ट- ख़बर गुलशन डेस्क
नीमच। मध्य प्रदेश की 25 वर्षीय बेटी तान्या डागा ने एक हैरतअंगेज़ कारनामा कर दिखाया है.राजगढ़ जिले के ब्यावरा की रहने वाली तान्या ने 2 साल पहले सड़क दुर्घटना में अपना एक पैर गंवा दिया था. इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
उन्होंने एक पैर से साइकिल चलाकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर तय कर डाला. देश के दो छोरों के बीच 2800 किमी की दूरी तान्या ने महज 43 दिनों में पूरी कर मिसाल कायम की.
इस दौरान तान्या के पिता का निधन हो गया और उन्हें एक सप्ताह के लिए सफर को छोड़कर वापस आना पड़ा था. लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और जल्द ही दोबारा अपनी यात्रा शुरू की और 31 दिसंबर को अपनी यात्रा पूरी कर मध्य प्रदेश लौटीं। कम समय में यह कारनामा करने वाली वह देश की पहली महिला पैरा साइक्लिस्ट बनीं. तान्या कहती हैं कि पिता कहते थे कि अगर कोई काम करने का ठान लिया है तो उसे पूरा करके ही छोड़ो. इसी बात ने मेरी हिम्मत बढ़ाई और मुझे अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिल
तान्या डागा 2018 में एमबीए की पढ़ाई करने के लिए देहरादून गईं, जहां एक कार एक्सीडेंट में उनका दायां पैर कट गया. देहरादून से उन्हें इंदौर रेफर किया गया, जहां 2 सर्जरी भी हुई.
लेकिन, कोई भी उनके जिंदा रहने की गारंटी नहीं दे रहा था. तान्या को इंदौर से दिल्ली शिफ्ट किया गया, जहां 6 महीने तक उनका इलाज चला. इस दौरान हर सर्जरी पर उन्हें 3000 टांके लगाए जाते थे.
तान्या कहती हैं कि 6 महीने तक बिस्तर पर रहने के दौराअपनी जि़ंदगी से नाउम्मीद हो रही थी, लेकिन पिता आलोक डागा ने उसका मनोबल बनाए रखा और मुझे खुद को साबित करने के लिए प्रोत्साहित करते. उन्होंने मुझसे कहा था कि शरीर का एक हिस्सा खो देने से आप जीवन में अपना लक्ष्य प्राप्त करना नहीं छोड़ सकते. पिता ने हर पल मेरा हौसला बढ़ाया, उन्हीं की बदौलत मैंने 19 नवंबर 2020 को अपना अभियान शुरू किया. लेकिन महीने भर बाद ही मेरे पिता आलोक डागा हमें छोड़कर इस दुनिया से विदा हो गए, मुझे अभियान को बीच में छोड़कर हैदराबाद से लौटना पड़ा.
सीएम शिवराज ने कहा- बेटी ने एमपी का सिर गर्व से ऊंचा किया.
तान्या की सफलता पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि साहस और हौसला हो, तो बाधाएं, नतमस्तक हो जाती हैं. हमारी पैरा साइक्लिस्ट बेटी तान्या ने जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक की दूरी तय कर मध्यप्रदेश का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है. बेटी जीवन की हर चुनौती को परास्त कर ऐसी ही आगे बढ़ती रहो, मेरी शुभकामनाएं सदैव तुम्हारे साथ हैं....