अनमोल सुविचार
Neemuch 03-05-2018 Thought of the day
मन की अशुद्धता है लालच, और जीभ की अशुद्धता है झूठ। आँखों की अशुद्धता है किसी अन्य पुरुष की पत्नी की सुन्दरता और उसके धन को ताड़ना। कानों की अशुद्धता है दूसरों के बारे में कुवचन सुनना। हे नानक, यह मर्त्य जीवात्मा, मृत्यु की नगरी में जाने के लिए विवश है। सारी अशुद्धता संशय और द्विपेक्षता से मोह के कारण होती है। जन्म और मृत्यु ईश्वर की इच्छा पर निर्भर हैं; उन्हीं की इच्छा से हम आते और जाते हैं।
-गुरुनानकदेव-