ख्यातनाम शायर स्व. अजमेरी की स्मृति में अखिल भारतीय मुशायरा सम्पन्न
नगर के ख्यातनाम शायर स्व. अजमेरी की स्मृति में अखिल भारतीय मुशायरा सम्पन्न, ये मेरा दिल, ये मेरी जान, यह मेरा प्यारा हिन्दूस्तान कलाम पर झुमे श्रोता....
रिपोर्ट- निशान्त अग्रवाल
निम्बाहेड़ा। पुरानी शारदा धर्मशाला में शनिवार रात्रि को उर्दू साहित्य जगत के ख्यातनाम शायर स्व. मेकश अजमेरी में अंजुमन एक्सट्रेंशन के सोजन्य एवं बज्में सागर के तत्वावधान में अखिल भारतीय मुशायरा यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी के मुख्य आतिथ्य, पदोन्नत पुलिस उप महानिदेशक व जिला पुलिस अधीक्षक प्रसन्नकुमार खमेसरा की अध्यक्षता एवं पूर्व विधायक अशोक नवलखा, नपा अध्यक्ष कन्हैयालाल पंचोली, उपाध्यक्ष पारस पारख के विशिष्ट आतिथ्य में हुआ।
मुशायरे के प्रारंभ में अतिथियों ने स्व. अजमेरी की तस्विर पर पुष्पांजलि अर्पित की व अमरावती के डॉ. खालिद नय्यर ने नातिया कलाम पेश किया। मुशायरे में दिल्ली के शायर सरफ नानपारवी दिल्ली ने राष्ट्र भक्ति से ओत प्रोत कलाम ये मेरा दिल ये मेरी जान, ये मेरा प्यारा हिन्दूस्तान, ये जिंदाबाद रहेगा पेश कर खुब वाहवाही लुटी। शायक डॉ. माजिद देववंदी दिल्ली ने चिर परिचित अंदाम में जरा सी बात क्या कहीं, खफां से हो कर रह गए, खुदा ने हुस्न क्या दिया, खुदा से हो के रह गए कलाम को उपस्थित साहित्य प्रेमियों ने खुब दाद दी। महाराष्ट्र अमरावती के शायर डॉ. नय्यर के कलाम एकता अपनी बना सकती है भारत को अजीम, आओ फिर सोने की चिड़ियां को हकिकत कर दें को भी खुब पसंद किया गया। डीग भरतपुर के युवा कवि श्याम मेघ श्याम ने कौमी एकता के गीतों और कलामों के माध्यम से जहां जाती है फैलाती है खुशबु मोहब्बत की, है हिन्दी प्यार की भाषा, जबां उर्दू मोहब्बत की पर खुब तालियां बटोरी। मुशायरे के संचालक गुलजार जीगर देवबंदी ने विश्व प्रसिद्ध शायर अनवर जलालपुरी के शेर तकब्बुर हो गया उसको अदावत पे उतर आया, वह मेरा भाई है हिमाकत पर उतर आया पेश कर सराहना लुटी।
आयोजित मोहम्मद सईद खान व बज्में सागर के पदाधिकारी एजाज अहमद आदि ने अतिथियों का गुलपोशी के साथ शॉल ओढाकर स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान शायर अजमेरी के उत्तराधिकारी घोषित किए जाने पर नगर के युवा शायर वसीम इरफानी की यूडीएच मंत्री कृपलानी, एसपी खमेसरा एवं अतिथियों ने उनकी दस्तारबंदी की। संचालन अयुब अब्द सावा ने किया। कार्यक्रम में साहित्य प्रेमी फतेहलाल मारू, हाजी कल्लू, अलिमुद्दीन मंसूरी, डॉ. अब्दूल हलीम, कमलेश ढेलावत, अख्तर पटेल, भजन जिज्ञासु, शीतल नागोरी, शकील गौरी, बी.एम. राठी, मो. अयुब खान, वजाहत खान, रमेश आगार, सिद्धराज गोखरू, ज्ञानचंद पालेचा सहित नीमच, चित्तौड़गढ, उदयपुर, मंदसौर आदि स्थानों के बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं ने देर रात तक मुशायरे का आनंद लिया।