बलात्कारी कौन

Ratlam 15-05-2018 Regional

सच की सच्ची तस्वीरें जो करीब होकर भी बेनकाब घूमती है........

रिपोर्ट- कीर्ति वर्रा
अक्सर हम TV ,न्यूज़पेपर और किसी के मुंह से अगर कोई खबर सुनते हैं कि *फलाना गांव, शहर में किसी लड़की ,बच्ची महिला बुजुर्ग के साथ में यौन उत्पीड़न हुआ है।
उसके साथ जबरदस्ती हुई है या उसका बलात्कार हुआ है तो  हम उस चीज को बड़े ही गंभीरता से पढ़ते हैं सुनते हैं और आपस में चर्चा यही करते हैं कि  लोग ऐसी दरिंदगी करते क्यों हैं .....?  और ऐसी परिस्थिति पैदा क्यों होती है ....?
जब हम हमारे सामाजिक जीवन में सुबह से लेकर शाम तक दैनिक दिनचर्या के अलावा ,इस तरह की खबरों को सुनते हैं तो हमारी आत्मा हमें कचोटती है कि इस प्रकार के  दानव कौन से समाज से निकलकर बाहर आते हैं  जो छोटी-छोटी बच्चियों के साथ इस तरह की हरकत करते हैं कि मानवता शर्मसार हो जाती है।  तो मेरा अनुभव यह रहा कि इस प्रकार के महादानव कहीं विदेश से उठकर नहीं आते बल्कि हमारे परिवेश में ,हमारे आसपास समाज में मुखोटा लगाए घूमते रहते हैं। 
यह वह लोग हैं "जो हमारे रिश्तो में बहुत नजदीक होते हैं और कहीं ना कहीं हम उन पर अंधविश्वास कर बैठते हैं" ऐसी परिस्थितियां खड़ी होती है कि यहीं लोग कुछ ऐसा कर गुजरते हैं कि बाद में पता चलता है कि इस व्यक्ति से ऐसी उम्मीद नहीं थी । "यह तो रिश्ते में चाचा लगता है, मामा लगता है ,मुंह बोला भाई लगता है , मुंह बोला पिता लगता है, धर्म का भाई है, धर्म का पिता है।"
इस तरह की बातें हमको सुनने को मिलती है परंतु यह यहीं समाप्त नहीं होता है ,वर्तमान स्थितियां इतनी विकट हो चुकी है कि  "एक पिता भी अपनी पुत्री के साथ गलत करने में नहीं चुकता।"
इसके लिए जिम्मेदार कौन....?
"यह बहुत बड़ा प्रश्न है"
यौन उत्पीड़न के प्रकरण  इतनी सख्त सजा और कानून होने के बावजूद ऐसे भेड़िए डरते क्यों नहीं  तो मैं सिर्फ यही कहना चाहूंगा कि इस प्रकार के  महा दानव हमारे माहौल से पैदा होते हैं और इसी माहौल में समा जाते हैं।
हमें अपनी आंखों से अंधविश्वास की पट्टी हटाकर हमारे बच्चियों को समझाइश देनी होगी कि कौन सा व्यक्ति ,कौन सा रिश्ता हमारे लिए सही है चाहे वह कितना भी करीबी रिश्ता क्यों ना हो अगर आपको लगता है कि उसके पास आने से बच्चे सुरक्षित नहीं है तो ,आप उस पर निगाह रखें ,सौ प्रतिशत आपका फार्मूला सही होगा और आपकी बेटी सुरक्षित होगी।
"अपनी बेटियों को  सिखाएं की अगर कोई व्यक्ति हमें बुरी नियत से देखता है तो ,उसके कुछ लक्षण आप बेझिझक उसे बता सकते हैं कि इस प्रकार का व्यक्ति अगर हरकत करता है तो, आप वहां से दूर हट सकती हैं और अपने बड़े परिवार के किसी सदस्य को बता सकती हैं।"
इस तरह एक वातावरण पैदा करना होगा ,जिसमें माता पिता अहम भूमिका निभा सकते हैं 
वर्तमान में 4 माह से लेकर 70 साल तक की महिलाओं के साथ दुराचार की खबरें सुनने को मिलती है  और यही दरिंदगी कम होने का नाम नहीं ले रही है ,इसके लिए सिर्फ हमें हमारी बेटियों को शिक्षा ही देनी पड़ेगी  कि वह समझे कि समाज गंदा नहीं है  समाज के वह लोग गंदे हैं जिनकी सोच गंदी है....