बेटी को पढ़ाये बिना परिवार का कल्याण नहीं- पं. शंकर शास्त्री
श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रवाहित.....
रिपोर्ट- ब्यूरों डेस्क
नीमच । बेटी है तो कल है बेटी को पढ़ाये बिना परिवार का कल्याण नहीं, बेटियां सात पीढ़ी तक परिवार का कल्याण करती है। बेटियां सरस्वती, दुर्गा है बेटी नहीं होगी तो बेटे के लिये बहु कहां से लाओंगें। बेटी को शिक्षा व संस्कार के बिना परिवार का विकास नहीं हो सकता है। बेटियां दो परिवारों का भला करती है । यह बात पं. शंकर शास्त्री ने कही वे श्रीमती गीताबाई, भगवतीदेवी, गोपाल, कैलाशचन्द्र संतोशदेवी शर्मा परिवार द्वारा अपने पूर्वजों की स्मृति में कृष्ण भक्त परिवार द्वारा सिद्धेश्वर महादेव 14/4, विकास नगर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस 17 मई गुरूवार को दोपहर 3 से 6 बजे बोल रहे थे। उन्होंने कहां कि भगवान ने संसार को यही शिक्षा दी है कि विवाह भाेग और वासना के लिए नहीं बल्कि धर्म कर्म और मोक्ष के लिए होना चाहिए । भगवान भोलेनाथ जगत के गुरू हैं भगवान भक्ताें के मन की आवाज जानते है। प्रभु पर विश्वास रखे तो समीप कृपा मिलती रहेगी । भक्ति, निश्ठा, लगन, ईमानदारी से कर्म करे और परिणाम के बारे में न सौंचे क्योंकि प्रभु श्रेष्ठ कर्म का श्रेष्ठ परिणाम प्रदान करते है। आज के दौर में हर व्यक्ति की आशा अपेक्षा बढती जा रही है, यही तनाव का कारण है। हमे याद रखना चाहिए कि जिसने अच्छा काम किया है, उसका कभी बुरा नहीं हो सकता है। पुण्यों का संचय अगले जन्मों में भी फारवर्ड होता है । पृथ्वी को लोग अपना कहते है जबकि पृथ्वी देव परमात्मा की अर्धग्नि है, धरती हमें सब कुछ देती है। प्रातः काल उठकर दोनों हाथों की (हथेलियां) कर के दर्शन करना चाहिए । हाथों के अग्र भाग लक्ष्मी को निवास होता है, मध्य भाग में सरस्वती का स्थान ,है हाथ के मूल भाग में भगवान का वास है। जो दान करता तो प्रभु उसे 10 गुना ज्यादा देते है। मनुष्य के जीवन में पहले नवदा भक्ति आती तभी भगवान आते है। मनुष्य जीवन में सर्वोत्तम साधन भक्ति है, यही शास्त्र आज्ञा भी है। मन ही मनुष्य के मोक्ष और बंधना का कारण है अन्दाज और सत्संग से मन पर संयम बैराग्य सत्संग द्वारा मन पर नियंत्रण हो सकता है। ब्राम्हण गौसेवा करते हुवे सत्संग भक्ति की जाय तो मानव जीवन श्रेष्ठ हो जाता हैै। श्रद्धा और विश्वास गृहस्थ स्त्री पुरूष गाड़ी के दो पहिए है, जहाॅं नारी की पूजा और सम्मान होता है, वहाॅं देवता रमण करते है । आरती में गोपाल शर्मा (सीसीआई), कैलाष शर्मा, भूपेन्द्र गौड़ (बाबा), पवन शर्मा (अग्निबाण), राघवेन्द्र शर्मा, मनीश शर्मा, शिवम राज पुरोहित, धर्मेन्द्र शर्मा निम्बाहेड़ा, पण्डित राकेश शास्त्री, पं सन्तोष पुरोहित (मनासा), पं आशीष शर्मा (अजमेर), कमल, जय कुमार धीर, शोभित धीर, लक्ष्मण ढलवानी, केदारेश्वर पुरोहित सरवानिया महाराज, अक्षय पुरोहित, जाजू कालेज, प्रमोद पुरोहित, गौरव कुमार, पप्पूसिंह दवेड़ा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे ।
ये थे धार्मिक प्रसंग.....
भागवत कथा में महाराज श्री ने विधुर, उधव चरत्रि, कपिलमुनि कथा, तारिकासूर वध, राजा हिमाचल, ब्रम्हा, विष्णु, महेष, अनुसुईया अत्रिऋर्शी, कश्चय ऋर्शी, सुखदेव, हिरणाकष्यप आदि प्रसंगों का वर्तमान परिपेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया ।
कथा में आज.....
कथा में आज शुक्रवार 18 मई को भगतवाचार्य पं. शंकर शास्त्री ध्रुवचरित्र, अजामिल, राजा भरत कथा आदि विषयों पर प्रकाश डाला जायेगा ।