स्पीड ब्रेकर बने लोगों की मुसीबत शहर में हर 10 कदम पर एक स्पीड ब्रेकर
रिपोर्ट- रितेश राय
छिंदवाड़ा। पूरे शहर मैं स्पीड ब्रेकर लगाए गए हैं जिसका कोई मापदंड नहीं है। जगह-जगह पर ब्रेक लगा दिए गए हैं। यह शहर ब्रेकर कहलाने लगा है। लोगों के शरीरों में हड्डियों में दर्द होते जा रहा है, जिसके मरीज बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। कई मरीजों को इस वजह से बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लोगों के वाहन खराब हो रहे हैं। कई जगह यह जर्जर हालत में हो चुके हैं। आवागमन करने से और ज्यादा दुर्घटनाएं बढ़ चुकी है। गुणवत्ता पर सवाल उठे तो इतने महंगे ब्रेक लगाए गए हैं। यह ब्रेकर ब्रेकर संदेह के घेरे में आ रहे हैं। जहां लगाना चाहिए था वहां पर वह लगाया नहीं गए हैं, इसका कोई मापदंड का भी ध्यान नहीं रखा गया है। आखिर इतने ब्रेकरों की जरूरत शहर में क्यों है। हर 10 कदम पर एक ब्रेक लगाया गया है। इससे सवाल उठता है कि आखिर किस मापदंड तरीके से लगाया गया आम जनता की परेशानी को ना देखते हुए यह सिर्फ मिली भगत कर कर एक अच्छा खासा मद की तैयारी की गई है। आम जनता इन ब्रेकरों के प्रति अत्यधिक नाराज़ है और किसी भी दिन कोई बड़े आंदोलन का रूप हो सकता है। शासन प्रशासन से अनुरोध है की इन ब्रेकरों को तत्काल हटाया जाए और जहां जरूरत है वही लगाया जाए।