राजस्थान में डोडा चूरा नष्ट करना प्रारंभ, मध्यप्रदेश में चल रही है 1 साल से कागजी कोशिश
राजस्थान में डोडा चूरा नष्ट करना प्रारंभ, मध्यप्रदेश में चल रही है 1 साल से कागजी कोशिश,अफीम काश्तकार चंपालाल गुर्जर ने बयां किया किसानों का दर्द....
रिपोर्ट- मूलचन्द खिंची
नीमच। अफीम उत्पादक किसानों के लिए डोडाचूरा गले की हड्डी बन चुका है। न किसान इधर का है और न ही उधर का। आखिर डोडाचूरा का क्या करें। बहकावे में आ जाए तो जेल और यूं ही पडा—पडा डोडाचूरा सड न जाए,इसका डर सता रहा है।जबकि हमारे पड़ोसी राज्य राजस्थान में गत वर्ष का डोडा चूरा नष्ट कर दिया गया है और इस वर्ष का भी नष्ट करना प्रारंभ हो चुका है मध्यप्रदेश में 2 साल से ज्यादा समय होने से डोडा चूरा नष्ट नहीं होने से किसानों के घरों में रखा हुआ डोडाचूरा स्वत ही नष्ट होने की स्थिति में पहुंच चुका है और किसान को शासन की कार्यवाही होने का डर सता रहा है जो बचा हुआ डोडाचूरा है उसे भी चोरी होने का डर सदा बना रहता है। यह बात भारत उत्थान अभियान के जिलाध्यक्ष एवं अफीम काश्तकार चंपलाल गुर्जर ने कही। श्री गुर्जर ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रभावी पहल नहीं करने से इस समस्या का हल होता नहीं दिख रहा है भोले भाले अनपढ़ किसान तस्करों के बहकावे में आकर थोड़े से लालच में अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं और सैकड़ों सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समर्थन मूल्य पर डोडा चूरा खरीदने की घोषणा कर चुनावी साल में किसानों को केवल एक लॉलीपॉप दिया है सरकार डोडा चूरा खरीद कर न ष्ट्रीयकरण कैसे करेगी इसके लिए अभी तक कोई कार्य योजना नहीं बनाई है पिछले साल का डोडा चूरा नस्ट्रीकरण की केवल कागजी योजना चल रही है कोई जवाबदारी एजेंसी नहीं होने से अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डोडा चूरा किस तरह से प्रति आरी कितनी मात्रा में किस जगह नष्ट किया जाएगा इसका मैदानी कार्यवाही कौन सा विभाग करेगा ऐसे कई सवाल भविष्य के गर्भ में छुपे हुए हैं जिससे हजारों किसानों की चिंता का कारण है प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि केवल बयान बाजी कर अपना कर्तव्य पूरा करने में लगे हुए हैं।