नरोदा पाटिया दंगा केस: गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी समेत 17 आरोपी बरी, बजरंगी की उम्रकैद बरकरार

Ahmedabad 20-04-2018 Regional

अहमदाबाद. गुजरात हाईकोर्ट ने 2002 में हुए नरोदा पाटिया दंगा मामले में पूर्व मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया। एसआईटी की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 28 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने 16 अन्य आरोपियों को भी बरी किया है। जबकि बाबू बजरंगी समेत 12 दोषियों की सजा बरकरार रखी है। 2 की सजा पर अभी फैसला नहीं किया गया है। इन सभी ने स्पेशल कोर्ट की ओर से सुनाई गई सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। गोधरा कांड के बाद भड़का यह सबसे बड़ा दंगा था। इसमें 97 लोगों की मौत हुई थी।


कोडनानी को क्यों बरी किया गया?

- कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि घटना वाली जगह पर माया कोडनानी की मौजूदगी साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। ऐसे में उन्हें संदेह का लाभ दिया जाता है।

- जस्टिस हर्षा देवानी और जस्टिस एएस सुपेहिया की बेंच ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले साल अगस्त में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

कौन हैं माया कोडनानी?

- कोडनानी 2007 में गुजरात की मोदी सरकार में महिला-बाल विकास मंत्री थीं। केस दर्ज होने के बाद उन्होंने मार्च 2009 में इस्तीफा दे दिया था।

- एसआईटी की स्पेशल कोर्ट ने कोडनानी को 18 साल की कैद की सजा सुनाई थी। उन्हें आईपीसी की धारा 326 (खतरनाक हथियारों या माध्यम से गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत 10 साल जेल की अलग से सजा सुनाई गई थी। इस तरह कोडनानी को कुल 28 साल की सजा हुई थी। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी।

- माया डॉक्टर हैं।