प्रखर वक्ता महेशजी पाटीदार (एडव्होकेट) पहुचे किसान धरना आंदोलन में, कल्पना परुलेकर से की चर्चा
Neemuch 27-05-2018 Regional
रिपोर्ट- ब्यूरों डेस्क
नीमच। महेश पाटीदार ने बताया कि दिशा किसान संगठन के डॉ.कल्पना परुलेकर तथा किसान पंचायत के रामजी पाटीदार जयसिंहपुरा के नेतृत्व में किसानों की समस्याओं के लिए दिनांक 16 मई 2018 से पिपलिया मंडी में पुलिस चौकी के सामने धरना दिया जा रहा है।धरने को जनता का व्यापक समर्थन नहीं है। लेकिन मुद्दे किसानों से जुड़े हुए हैं और किसानों की समस्याओं को निराकृत करने और हक दिलाने के लिए है।
आज मैंने डॉक्टर कल्पना परुलेकर एवं रामजी पाटीदार से किसानों की समस्याओं के संबंध में तथा कानूनी व तकनीकी बंदुओ के संबंध में चर्चा की और बताया कि-
- किसी भी संज्ञेय अपराध में FIR दर्ज करना पुलिस का कर्तव्य है , थाना प्रभारी की इच्छा पर आधारित नहीं है ,इसलिए किसानों की हत्या करने वालों के विरुद्ध धारा 302 भादवी के तहत अपराध दर्ज किया ही जाना चाहिए।
- किसान आंदोलन को देखते हुए इन दिनों मंदसौर और नीमच जिले में किसानों और युवाओं को धारा 107 -116 के तहत नोटिस दिए जा रहे हैं और बांड भी भरवाए जा रहे हैं ,कानून की दृष्टि से दोनों ही गलत है जिन किसानों और नौजवानों को नोटिस दिए गए हैं उनके विरुद्ध शांति भंग करने के संबंध में कोई भी प्रथमदृष्टया शिकायत इस समय संबंधित थानों में नहीं है और फिर बांड तब भरवाया जाता है जब मजिस्ट्रेट के समक्ष साक्ष के दौरान यह सिद्ध हो जाए कि वह शांति भंग करने वाला है । ऐसे में मात्र आवाज को दबाने के लिए इस प्रकार के नोटिस देना और बोड भरवाना गलत है ।
-धारा 144 के संबंध में भी चर्चा हुई तो मैंने बताया कि धारा 144 के लिए कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार होना चाहिए लेकिन इस समय तो नीमच और मंदसौर जिले में शांति का माहौल है किसान और नौजवान अपने काम और हाल में मस्त है । किसी भी संगठन ने ऐसे कारण या आधार पैदा ही नहीं किए हैं जिसका शीघ उपचार करना आवश्यक है और फिर धारा 144 के लिए ऐसे संगठनों को नोटिस की तामील कराई जाती है और फिर एक बार धारा 144 लग जाती है और 2 महीने की अवधि समाप्त हो जाती है तो उसके पश्चात दूसरी बार धारा 144 लगाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा अधिसूचना जारी करना होता है जबकि राज्य सरकार के द्वारा ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है।
-धारा 144 के उल्लंघन पर धारा 188 भादवी की कार्रवाई के संबंध में भी चर्चा हुई तो मैंने बताया कि ऐसे मामलों में पुलिस को सीधे FIR दर्ज करने और गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है 188 के लिए उस व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत करना होती है जिसके आदेश का उल्लंघन हुआ है और फिर कोर्ट से ही संज्ञान और वारंट होता है।
पूर्व विधायक कल्पना परुलेकर तथा श्री रामजी दोनों ही क्रांतिकारी आंदोलनकारी है किसानों की समस्याओं के संबंध में दोनों से विस्तृत चर्चा हुई । दोनों का आंदोलन इस समय अराजनीतिक है और गांधीवादी तरीके से है । हिंसा से दूर है और इसी कारण मैं उनसे पिपलिया मंडी जाकर मुलाकात की और विस्तृत चर्चा की।