नगर पंचायत परिषद मनासा जनता की गाढ़ी कमाई को फिजूलखर्ची में कर रही बर्बाद
Neemuch 28-05-2018 Regional
रिपोर्ट- ब्यूरों डेस्क
मनासा। नगर पंचायत परिषद जनता की गाढ़ी कमाई को फिजूलखर्ची में बर्बाद कर रहे हैं । नगर पंचायत परिषद अध्यक्ष व पार्षद को नगर की समस्याओं व आम जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है। भाजपा समर्थित नगर परिषद के कार्यकाल में नगर की हालत ग्राम पंचायत से भी बदतर स्थिति में पहुंच गए हैं। नगर में चारों ओर सड़को पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, वही नगर की नालियां भरी पड़ी है। जिससे नगर में मच्छरों की भरमार है वही कचरे के ढेर से गंदगी व बीमारियां होने का खतरा नगर में देखा जा सकता है। नगर में अभी परिषद की बैठक में 14 मई को नौ लाख की लागत से बुलेरो गाड़ी का प्रस्ताव पास किया गया था। जबकि पूर्व भाजपा की परिषद व दिनेश व्यास के अध्यक्ष कार्यकाल में एक बुलेरो गाड़ी पास होकर नगर पंचायत ने खरीदी थी, जिसकी सही उपयोग न करने पर नई परिषद में निलीमा मारू के अध्यक्ष कार्यकाल में उसका सही उपयोग कर उसको लिफ्ट बनाकर लाइट के पोल पर लगे विद्युत लैंप ट्यूब लाइट सुधारने के लिए उपयोग में लाया गया जो अभी वर्तमान में भी सही सेवाएं दे रही हैं। वही देखा जावे तो स्वच्छता अभियान प्रशिक्षण के नाम पर नगर पंचायत परिषद के 3 पार्षद सहित अध्यक्ष यशवंत सोनी शिमला यात्रा पर गए हुए हैं। जो कि आम जनता की गाढ़ी कमाई को फिजूलखर्ची में बर्बाद करने जैसा है। इसमें इसमें नगर पंचायत अध्यक्ष यशवंत सोनी वार्ड 2 के पार्षद गिरजाशंकर शर्मा वार्ड 15 के पार्षद मंजू हरीश एणिया वार्ड 11 के पार्षद पति बिल्लू व्यास गए हैं, परंतु प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड 15 व 11 के पार्षद महिला होने के कारण उनके पति ही उनके स्थान पर शिमला यात्रा का आनंद ले रहे हैं। वही अभी हाल में नगर परिषद ने बाजार बैठक को निजी ठेकेदार को सौंप दिया है, जो कि सात लाख साठ हजार रूपय है। वह इसमें जीएसटी अलग से जुड़ेगा जबकि पूर्व परिषद में इसी बैठक को 1 वर्ष के लिए 7 लाख रूपय में दिया गया था, परंतु उस समय बैठक के 5 रुपए टैक्स के रुपए में नगर पालिका लेते थी, परंतु वह अब बढ़कर रुपए10 लिया जा रहा है। वह इसमें 2 रूपये जीएसटी अलग से है। इस प्रकार यह 15 लाख मे ठेका होना था, परंतु सुना है ठेका भी पार्षदों ने ही ले लिया है, वह नाम दूसरे का चल रहा है। वही नामांतरण के नाम पर भी नगर परिषद में आम जनता से भ्रष्टाचार के रूप में रुपयों की मांग की जा रही है और बार बार चक्कर काटने के बाद भी नामांतरण नहीं किया जाता है। वही प्रधानमंत्री आवास के नाम पर गरीब लोगों से आवास किस्त डालने के नाम पर भी पार्षदों द्वारा पैसों की मांग की जाती हैं। इस प्रकार नगर पंचायत परिषद मनासा में फिजूलखर्ची कर आम जनता की गाढ़ी कमाई को यूं ही बर्बाद करने में लगे हैं । नगर की जनता का कहना है कि पूर्व अध्यक्ष शशि कसेरा रामप्रसाद कसेरा एवं निलीमा मारूं कार्यकाल में जो कार्य नगर के विकास के लिए किए गए थे, वह सदैव ही याद किए जाएंगे। उसके बाद नगर की ऐसी दुर्दशा हुई है कि चारों ओर नगर में गड्ढे ही गड्ढे सड़कों पर हो गए हैं। वही कचरों के ढेर नालियां भरी पड़ी है और अव्यवस्थाओं का आलम लगा हुआ है, आम जनता परेशान हो रही है।