ट्रेनें लेट हुई, तो रुकेगा अधिकारियों का प्रमोशन
रेलवे विभाग अब ऐसे इंतजाम कर रहा है जिससे अगले साल तक ज्यादातर ट्रेनों के समय से चलने की उम्मीद है......
रिपोर्ट- ब्यूरों डेस्क
नई दिल्ली। ट्रेनों की लेट-लतीफी से रेल यात्रियों को इस खबर से शायद कुछ राहत मिलेगी। निर्धारित समय से विलंब से चलने वाली गाडि़यों की कीमत अब रेलवे अधिकारियों को चुकानी पड़ सकती है। यदि गाडि़यां इसी तरह देरी से चलती रहीं, तो रेलवे अधिकारियों का प्रमोशन रुक जाएगा। उल्लेखनीय है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले माह प्रगति बैठक के दौरान गोयल से ट्रेनों के लेट होने का कारण जानना चाहा था। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने स्थिति में सुधार के लिए रेलवे के क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को 30 जून तक का समय दिया है। रेल मंत्रालय के सूत्रों की माने तो पिछले सप्ताह एक आंतरिक बैठक के दौरान गोयल ने क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि गाडि़यों की लेट-लटीफी के पीछे मेंटेनेंस कार्यो का बहाना अब नहीं चलेगा। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 30 फीसद ट्रेनें निर्धारित समय से विलंब से चल रही थीं। बैठक के दौरान गोयल ने सभी क्षेत्रीय महाप्रबंधकों से एक-एक कर गाडि़यों की लेट-लतीफी का कारण जानना चाहा। उत्तर रेलवे प्रमुख के प्रति वे खास तौर से सख्त थे, क्योंकि इस क्षेत्र की गाडि़यां सबसे ज्यादा देरी से चल रही हैं। गोयल ने उन खबरों का भी हवाला दिया, जिसके मुताबिक, संसाधनों के दुरुपयोग के चलते ट्रेनें लेट हो रही हैं। उन्होंने क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को इसकी जवाबदेही तय करने का भी निर्देश दिया। वे इस बात से ज्यादा नाराज थे कि छुट्टियों के समय में गाडि़यां लेट चल रही हैं, जबकि लोग सबसे ज्यादा इसी समय में यात्रा करते हैं। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने लेटलतीफी दूर करने के लिए ट्रेनों की औसत रफ्तार बढ़ाने तथा दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूटों को तीन महीने के भीतर 160 किलोमीटर की रफ्तार वाली ट्रेनों के योग्य बनाने के अफसरों को निर्देश दिए हैं।गोयल ने पाया कि तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी मिशन रफ्तार में मामूली प्रगति हुई है। जबकि सरकार ने इसी मिशन के बूते ही प्रमुख रूटों पर ट्रेनों की औसत स्पीड बढ़ाने और 160 किलोमीटर गति वाली सेमी-हाई स्पीड ट्रेने चलाने का मंसूबा बांधा था। हालत ये है कि एक रूट भी अभी इसके पूर्णतया तैयार नहीं है। गोयल ने इस पर नाराजगी जताते हुए अगले तीन महीनों में दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूटों पर चल रहे समस्त कार्यो को पूरा करने को कहा है।
मिशन रफ्तार पर हुई वार्ता में अफसरों को अन्य मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार में औसतन 25 किलोमीटर की बढ़ोतरी का लक्ष्य सौंपा गया है। अभी यात्री ट्रेनों की औसत रफ्तार 44 किलोमीटर, जबकि मालगाडि़यों की 24 किलोमीटर है। इसके लिए ट्रैक और सिगनल प्रणाली में सुधार के अलावा मानव रहित क्रॉसिंगों को पूरी तरह समाप्त करने तथा नगरीय सीमा में ट्रैक के दोनो ओर बाड़ लगाने के कार्यो तेजी लाने को कहा गया हैं। ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए उच्च हार्सपावर के लोकोमोटिव इस्तेमाल करने की योजना भी बनाई गई है।