पिपलिया गोलीकांड में जैन आयोग की रिपोर्ट का फैसला एक भद्दा मजाक - परुलेकर
Pipliya Mndi 19-06-2018 Regional
रिपोर्ट-जेपी0तेलकार
पिपलिया स्टेशन। पिपलिया में किसान आंदोलन के गोलीकांड में छह किसानों की मौत के बाद जैन आयोग द्वारा पुलिस को दी गई क्लीनचीट किसानों के साथ विश्वासघात व भद्दा मजाक है। किसान नेता व पूर्व विधायक कल्पना परुलेकर ने बताया पहले तो पुलिस व प्रशासन ने शांतिप्रिय तरीके से वाजिब दामों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गोलियां बरसाकर छह किसानों को मौत के घाट उतार दिया, बाद में किसानों पर ही उल्टे मुकदमे दर्ज किये। लेकिन किसानों की गोली मारकर हत्या करने वाले पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज नही हुआ। लगातार किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। एक जून 2018 को किसान आंदोलन से पूर्व ही मंदसौर-नीमच जिले में प्रशासन ने 144 धारा लगाकर गैर कानूनी कार्य किया है। इसके अलावा किसानों को धारा 107/116 के नोटिस देकर पच्चीस हजार रुपए के बाण्ड भरवाए, किसानों के साथ पुलिस ने अपराधियों जैसा व्यवहार किया, यह लोकतंत्र की हत्या के समान था। किसान आंदोलन के बाद जांच के लिए गठित जैन आयोग की दो दिन पूर्व सरकार को सौंपी रिपोर्ट में कलेक्टर, एसपी सहित पुलिस को क्लीनचीट दी गई व किसानों को भी असामाजिक तत्व बताया। यह सरकार किसानों के साथ भद्दा मजाक कर रही है, आयोग ने पूरी रिपोर्ट में अपने ही कथन का विरोध करके रिपोर्ट सौंपी जो समझ से परे है। परुलेकर ने आरोप लगाया फर्जीवाड़ा कर यह रिपोर्ट तैयार हुई है। प्रशासन द्वारा आंदोलन के दौरान वीडिया न बनाने का उललेख करना, फिर प्रशासन और पुलिस में संवादहीनता का उल्लेख करना आखिर क्या दर्शाता है ? परुलेकर ने चेतावनी दी कि टीआई व दोषी पुलिसकर्मियों पर धारा 302 व 307 के तहत शिवराज सरकार को कार्रवाई करना पड़ेगी अन्यथा खामियाजा भुगतने को तैयार रहे।