सु-प्रभात
Neemuch 20-06-2018 Thought of the day
मधुर वाणी बोलना, एक महँगा शौक है,
जो हर किसी के बस की बात नहीं।
अपने खराब मूड के समय बुरे शब्द न बोलें,
क्योंकि खराब मूड को बदलने के बहुत मौके मिलेंगें
पर शब्दों को बदलने के नहीं।।
मूर्खों से कभी तर्क मत कीजिये,
क्योंकि, पहले वे आपको अपने स्तर पर लायेंगे और;
फिर अपने ओछेपन से आपकी धुलाई कर देंगे।
इंसान “जन्म” के दो वर्ष बाद;
बोलना सीख जाता है;
लेकिन बोलना क्या है ?
यह सीखने में पूरा जन्म लग जाता है ।