चॉकलेट देने के बहाने 10 वर्षीय मासूम बालिका के साथ अश्लील हरकत करने वाले आरोपी को 06 वर्ष का सश्रम कारावास

Neemuch 26-06-2018 Regional

श्रीमति प्रिया शर्मा, अपर सत्र न्यायाधीश, नीमच द्वारा एक आरोपी को चॉकलेट देने के बाहने 10 वर्षीय मासूम बालिका को घर में बुलाकर उसके साथ अश्लील हरकत किये जाने का दोषी पाते हुए 06 वर्ष का सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किया.....
 
रिपोर्ट- रितेश कुमार सोमपुरा
 
नीमच। जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री आर. आर. चौधरी द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 14.01.2014 को दिन के लगभग 12ः00 बजे आरोपी भैरूलाल ने अपने पड़ोस में रहने वाली 10 वर्षीय बालिका को चॉकलेट देने के लिए अपने पास बुलाया। मासूम बालिका चॉकलेट की लालच में आरोपी के पास चली गयी तो आरोपी उसे अपने घर के अंदन ले गया और उसको बिस्तर पर लेटा दिया और उसे अश्लील फिल्में दिखाते हुए उसके कपड़े उतारकर उसके साथ अश्लील हरकते करने लगा। जब बालिका जोर-जोर से रोने लगी तब आरोपी ने बालिका से कहा कि ये बात घर पर किसी को मत बताना और उसे वहॉ से भेज दिया। पीड़ित बालिका द्वारा उसके साथ हुई घटना की जानकारी दिनांक 18.01.2014 को दी। पीड़िता की माता ने पुलिस थाना नीमच सिटी पर घटना के संबंध में आवेदन दिया। पुलिस नीमच सिटी द्वारा जॉच व तहकीकात उपरांत आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 35/14, धारा 354बी भादवि व धारा 7/8 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
 
अभियोजन द्वारा 10 वर्षीय पीड़िता, उसकी माता सहित सभी आवश्यक साक्षीयों के बयान न्यायालय में कराकर आरोपी के विरूद्ध अपराध प्रमाणित कराया गया। दण्ड के प्रश्न पर अभियोजन की ओर से तर्क रखा गया कि आरोपी एक 38 वर्षीय अधेड़ उम्र का व्यक्ति हैं जिसके द्वारा पड़ोस में रहने वाली 10 वर्षीय मासूम पीड़िता के साथ अश्लील हरकत की गई हैं, जिससे यह स्पष्ट हैं कि आरोपी असंवेदनशील व्यक्ति होकर सामाजिक प्राणी नही हैं। अभियोजन के तर्को से सहमत होकर श्रीमति प्रिया शर्मा, अपर सत्र न्यायाधीश, नीमच द्वारा आरोपी भैरूलाल पिता रामलाल मीणा, उम्र-38 वर्ष, निवासी-ग्राम बडौली, हालमुकाम-स्पेन्टा पेट्रोल पंप के पीछे, नीमच को धारा धारा 354बी भादवि के अंतर्गत 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 500रू. अर्थदण्ड व धारा 7/8 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत 3 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 500रू. अर्थदण्ड, इस प्रकार कुल 6 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। पीड़िता को 1000रू. प्रतिकर के रूप में प्रदान कराया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री आर. आर. चौधरी द्वारा की गई।