दीवाल गिराने की बात को लेकर मारपीट करने वाले चार आरोपियों को सश्रम कारावास एवं जुर्माना

Neemuch 10-07-2018 Regional

रिपोर्ट- रितेश सोमपुरा

नीमच।श्री धर्म कुमार, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, मनासा द्वारा चार आरोपियों को दीवाल गिराने की बात को लेकर फरियादी और उसके भाई के साथ मारपीट करने के आरोप का दोषी पाते हुए सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किया। 

जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री आर. आर. चौधरी द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी श्यामलाल और उसका भाई वकील ग्राम उचेड़ में रहते हैं। फरियादी श्यामलाल की जमीन आरोपीगण के मकान के सामने हैं, जहॉ पर उसने दीवाल बना रखी थी। दिनांक 01.07.2012 को शाम के लगभग 06:30 बजे आरोपीगण फरियादी की दीवाल तोड़कर गिरा रहे थे, तभी फरियादी श्यामलाल और उसके भाई वकील ने दीवाल गिराने से मना किया तो चारों आरोपिगण ने एकमत होकर श्यामलाल और वकील के साथ लात-घूसों, लट्ठ व कुल्हाडी से मारपीट की, जिससे दोनों को चोटें आयी व दोनों चिल्लाने लगे, आवाज सुनकर जगदीश व कन्हैयालाल ने आकर बीच-बचाव किया। फरियादी श्यामलाल द्वारा आरोपीगण के विरूद्ध थाना मनासा में रिपोर्ट लिखाई जिस पर से अपराध क्रमांक 194/2012, धारा 324/34, 323/34 भादवि के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। फरियादी श्यामलाल एवं आहत वकील का मेडिकल कराने के बाद पुलिस मनासा द्वारा सम्पूर्ण विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

अभियोजन पक्ष द्वारा घटना को साबित करने के लिए फरियादी श्यामलाल, घायल वकील सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान न्यायालय में कराकर घटना को प्रमाणित कराया गया, जिस पर से आरोपीगण को माननीय न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया। सजा के सवाल पर अभियोजन ने तर्क रखा की आरोपीगण ने जिस तरह से फरियादी पक्ष के साथ लट्ठ व घातक हथियार कुल्हाडी से मारपीट की हैं, उनको कठोर दण्ड से दण्डित किया जाना चाहिए। श्री धर्म कुमार, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, मनासा द्वारा आरोपीगण (1) सुरेश पिता बाबरू, उम्र-38 वर्ष, (2) धनराज पिता बाबरू, उम्र-39 वर्ष, (3) धनश्याम पिता बाबरू, उम्र-54 वर्ष तथा (4) श्यामलाल पिता बाबरू, उम्र-36 वर्ष, सभी निवासी-ग्राम उचेड़, थाना मनासा को धारा 324/34 भादवि (एकमत होकर धारदार हथियार से मारपीट करना) में 03-03 माह के सश्रम कारावास एवं 500-500रू. जुर्माना तथा धारा 323/34 भादवि (एकमत होकर से मारपीट करना) में 01-01 माह के सश्रम कारावास एवं 300-300रू. जुर्माना, इस प्रकार सभी आरोपियों को कुल 04-04 माह के सश्रम कारावास एवं 800-800रू. जुर्माने से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी योगेश कुमार तिवारी, एडीपीओ द्वारा की गई तथा अरविंद सिंह, एडीपीओ द्वारा सहयोग किया गया।