मंदसौर में तीन अभिभाषकों पर प्रकरण दर्ज को लेकर नीमच में आक्रोश, नीमच,जावद और मनासा कोर्ट में कार्य से विरत रहे अभिभाषक, जताया विरोध

Neemuch 10-07-2018 Regional

शहर कोतवाली टीआई को तत्काल प्रभाव से हटाकर निलंबित किए जाने की मांग.....
अभिभाषकों ने कडे शब्दों में की निंदा,टीआई ने द्वेषतापूर्ण किया प्रकरण दर्ज .......
हाईकोर्ट,सुप्रीम कोर्ट ने भी दे रखे है दिशा—निर्देश,वकीलों के मामले में एफआईआर  दर्ज करने से पहले पुलिस करें जांच......
 
रिपोर्ट- मूलचन्द खिचीं
 
नीमच। मंदसौर में पूर्व अभिभाषक संघ अध्यक्ष निर्मल जोशी सहित तीन अभिभाषकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज को लेकर अभिभाषकों में आक्रोश है। बिना जांच किए शहर कोतवाली टीआई जितेंद्र यादव ने अभिभाषकों पर झूठा मुकदमा दर्ज कर लिया है। मंदसौर में चार दिन से अभिभाषक हडताल पर है वहीं आक्रोश बढता जा रहा है। मंगलवार को नीमच,जावद और मनासा कोर्ट में अभिभाषक कार्य से​ विरत रहे और प्रकरण दर्ज को लेकर विरोध दर्ज करवाया। अभिभाषकों ने कहा जब तक दोषी टीआई पर कार्रवाई नहीं होती हमारा विरोध  प्रदर्शन जारी रहेगा वहीं वकीलों पर दर्ज मुकदमे का खात्मा भी हो।
मंगलवार को कोर्ट में अभिभाषक तो आए लेकिन किसी ने भी न्यायलीन कार्य में हिस्सा नहीं लिया। बार एसोसिएशन के कक्ष में बैठकर वकील पर दर्ज प्रकरण की कडे शब्दों में निंदा की। नीमच अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहा कि हम मंदसौर के अभिभाषकों के साथ खडे है। अभिभाषकों पर पुलिस ने झूठा मुकदमा दर्ज किया है,​पुलिस के कृत्य की कडे शब्दों में निंदा करते है। दोषी टीआई पर कार्रवाई होना चाहिए, जब तक कार्रवाई नहीं होती है,तब तक मंदसौर अभिभाषक के मार्गदर्शन में हमारा विरोध प्रदर्शन हमेशा रहेगा। वरिष्ठ अभिभाषक तेजपाल जैन ने कहा कि पुलिस को एफआईआर करने से पहले मामले की जांच किए जाना चाहिए। अभिभाषकों के खिलाफ ऐसे प्रकरण दर्ज होना द्वेषता को दर्शाता है। नियम के विरूद्ध पुलिस ने एफआईआर की है। अभिभाषक विजयशंकर शर्मा ने ​कहा कि एक नर्स कोर्ट में आवेदन तैयार करवाने के लिए आई थी, जब अभिभाषक ने मना। कार्य की व्यस्तता के चलते ऐसा होता है, पुलिस ने नर्स के आवेदन पर तुरंत अभिभाषकों पर तुरंत प्रकरण दर्ज कर लिया गया,जो कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे करता है। पूर्व अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुनील जोशी ने कहा कि अभिभाषकों पर प्रकरण दर्ज करने वाले टीआई के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। टीआई पर तुरंत कार्रवाई होना चाहिए और इस प्रकरण का खात्मा होना चाहिए। अभिभाषक नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि अभिभाषक विधि के जानकार होते है। अभिभाषक मात्र समझाइश दे सकते है, नर्स को समझाइश दी  थी, लेकिन समझाइश पर ही पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया,जो कि अभिभाषकों के अधिकारों की हत्या है।
 
एसपी पर है भरोसा,दोषियों पर करें कार्यवाही......
मंदसौर एसपी मनोजसिंह सेवाभावी,ईमानदार और निष्ठावान है। नीमच और मंदसौर जिले के अभिभाषकों में इस घटना को लेकर आक्रोश है। अभिभाषकों को एसपी से उम्मीद है कि इस मामले में दोषी पर तुरंत कार्रवाई करें,ताकि पुलिस की छवि पर किसी भी प्रकार का दाग न लगे। पुलिस और अभिभाषक हमेशा सामंजस्य से कार्य करते आए है। मंदसौर में इस प्रकार की पहली घटना है, जिसमें बिना जांच के ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।